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तालिबान को आतंकवादी संगठन’ घोषित करे, मुझे क्या करना है, मुझ पर शक क्यों : ओवैसी

एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने तालिबान को लेकर उनके नजरिये के बारे में पूछे जाने पर मंगलवार को नाराजगी जताई और केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को चुनौती दी कि वह उसे ‘आतंकवादी संगठन’ घोषित करे।

एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने तालिबान को लेकर उनके नजरिये के बारे में पूछे जाने पर मंगलवार को नाराजगी जताई और केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को चुनौती दी कि वह उसे ‘आतंकवादी संगठन’ घोषित करे। 
पटना में मंगलवार को संवाददाताओं को संबोधित करते हुए हैदराबाद के सांसद ने यह भी मांग की कि सरकार, इस तथ्य को देखते हुए कि भारत वर्तमान में प्रतिबंधों पर संयुक्त राष्ट्र की समिति का नेतृत्व कर रहा है, क्या यह आश्वासन देती है कि तालिबान नेताओं में से किसी को भी आतंकवादियों की सूची से नहीं हटाया जाएगा। 
उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, “तालिबान से असदुद्दीन ओवैसी को क्या करना है ? आपके दिमाग में ऐसी बात आती क्यों है? आप क्यों मुझ पर शक करते हैं? ओवैसी ने कुछ भाजपा नेताओं द्वारा उन्हें “तालिबानी सोच (मानसिकता)” वाला व्यक्ति करार दिए जाने की ओर इशारा करते हुए कहा कि क्या यह असदुद्दीन ओवैसी था जिसने कंधार में अपहृत विमान के यात्रियों की रिहाई के लिए जेल में बंद आतंकवादियों को सौंप दिया था? 
एआईएमआईएम प्रमुख ने कहा कि उन्होंने संसद के पटल पर तालिबान के संबंध में अपना रुख स्पष्ट कर दिया है लेकिन उनकी चेतावनी पर ध्यान नहीं दिया गया। उन्होंने कहा, “नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पर बहस के दौरान, मैंने सरकार से अनुरोध किया था कि वह तालिबान द्वारा संभावित नियंत्रण की चेतावनी को ध्यान में रखते हुए अधिनियम को धर्म-तटस्थ बनाने पर विचार करे क्योंकि क्या आप ताजिक, उज़्बेक सहित वहां की अन्य अल्पसंख्यक जनजातियों को शरण दे पाएंगे।’’ 
ओवैसी ने यह भी कहा कि अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा “पाकिस्तान और चीन को मजबूत करेगा” जो कि भारत के लिए बहुत चिंता का विषय है क्योंकि भारत ने अफगानिस्तान में बहुत निवेश किया है। ओवैसी ने दावा किया कि भारत ने अफगानिस्तान में 35,000 करोड़ रुपये खर्च किए हैं, उस देश में हमारा बहुत कुछ दांव पर लगा है जो ईरान में चाबहार बंदरगाह के रास्ते में है जिसे हम विकसित कर रहे थे। 
उन्होंने मोदी सरकार पर तालिबान प्रतिनिधियों के साथ वार्ता करने के लिए केवल दूत भेजने का आरोप लगाते हुए दावा किया कि इस देश में स्थित भारतीय दूतावास में काम करने वालों को वहीं उनके हाल पर छोड़ दिया गया। ओवैसी ने कहा, “मोदी सरकार तालिबान को एक आतंकवादी संगठन घोषित करे। यह भी घोषणा करे कि वैश्विक आतंकवादियों की सूची से हटाकर किसी भी तालिबानी नेता को वैधता नहीं दी जाएगी। मैं देखना चाहता हूं कि क्या सरकार में ऐसा करने की हिम्मत है”। 
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के बारे में पूछे जाने पर, एआईएमआईएम प्रमुख, जिनकी पार्टी ने बिहार में कुछ पैठ बना ली है, ने कहा कि वह वहां की 403 सीटों में से लगभग 100 सीटों पर उम्मीदवार उतारने की योजना बना रहे हैं। जब उनका ध्यान अतीक अहमद जैसे आपराधिक इतिहास वाले लोगों को पार्टी में शामिल किए जाने पर हो रहीं आलोचना की ओर खींचा गया, तो उन्होंने कहा, “और क्या प्रज्ञा ठाकुर दूध की धुली हैं?” 
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू, भाजपा और उसके सहयोगी दलों के कई विधायकों का आपराधिक रिकॉर्ड है। ओवैसी ने कहा, “अगर वे सम्मानित जनप्रतिनिधि हैं …. तो अतीक अहमद भी कुछ अप्रमाणित आरोपों वाले इस देश के नागरिक हैं और इसलिए चुनाव लड़ने के योग्य हैं।”उन्होंने योगी आदित्यनाथ की “अब्बा जान’वाली टिप्पणी का उल्लेख करते हुए चुटकी लेते कहा कि यह “बाबा’ की ओर से ध्रुवीकरण की रणनीति थी। 

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