पुर्वी चंपारण के मुख्यालय मोतिहारी मोतीझील से पुर्वी चंपारण का नाम जाना जाता है। गांधी जी अपनी लाठी के सहारे गांव के डगर में घुमकर सत्याग्रह आन्दोलन का रूपरेखा तय किये। यह धरती से चली आन्दोलन ने अंग्रेजों को भारत से भागने पर मजबुर कर दिया। इस बार मोतिहारी लोकसभा क्षेत्र से राधा मोहन सिंह जो वर्तमान में केन्द्रिय कृषि मंत्री भी हैं। वहीं इसबार महागठवंधन के प्रत्याशी जो कांगेस से राज्यसभा के साासंद एवं काग्रेस चुनाव समिति के अध्यक्ष अखिलेश सिंह के पुत्र आकाश कुमार सिंह है। इस क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या लगभग 11 लााख 87 हजार 264 है।
मोतिहारी में 6 विधानसभा है। हासिद्धी, गोविंदगंज, केसरिया, कल्याणपुर, पिपराहा एवं मोतिहारी शामिल है। जातिय समीकरण में सबसे ज्यादा सवर्ण मतदाता है। दूसरे नम्बर पर दलित महादलित तीसरे नं. कुर्मी रोयरी, चौथे नं. पर मुस्लिम, पांचवे में यादव मतदाता है। केसरिया विधानसभा में मतदाताओं का कहना है कि यहां के सांसद कृषि मंत्री रहते हुए क्षेत्र के कृषि समस्या जस की तस है।
केवल नाम के कृषि मंत्री है। क्षेत्र में अभी भी विकास कोसों दुर है। हरसिद्धी क्षेत्र के दलित मतदाताओं का कहना है कि राज्य सरकार शराबवंदी कानुन लाकर घरों को उजडऩे से वचाया।
हमारे बच्चों को घ्यान पढ़ाई पर गयी है। बहीं यदुवंशी एवं अल्पसंख्यक मतदाताओं का कहना है कि केन्द्र सरकार तीन तलाक कानुन लाकर घर-घर में झगड़ा पैदा करवा दिया है। यदुवंशी समाज के कहा कि लालू यादव अहिर था इसलिए उसे फंसाया गया है उससे भी बड़ा भ्रष्टाचार के अरोपी बाहर में है क्यों कि वे सवर्ण जाति से आते हैं। पत्रकारों की टीम अनुसार मोहारी के 6 विधानसभा क्षेत्र में अल्पसंख्यक, यादव, पिछड़ा दलित महादलित के बीच मोदी लहर नहीं दिख रही है। राज्य में डबल इंजन की सरकार के प्रति नाराजगी पैदा है।