ढिबरी और लालटेन की उपयोगिता भी समाप्त हो गयी : नीतीश कुमार - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

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ढिबरी और लालटेन की उपयोगिता भी समाप्त हो गयी : नीतीश कुमार

अधीक्षक राकेश कुमार सहित अन्य अधिकारीगण, पावर ग्रिड इंडिया लिमिटेड के अधिकारीगण, अभियंतागण एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

पटना  : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सहरसा जिला के सत्तरकटैया प्रखंड के सिंहौल में 300 करोड़ की लागत से 400/220/132 के0वी0, 1400 एम.बी.ए. ट्रांसफॉर्मेशन क्षमता वाली सहरसा विद्युत उपकेंद्र का शिलान्यास किया। दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत करने के बाद आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सबसे पहले मैं केंद्रीय विद्युत और नवीन व नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री श्री आर.के. सिंह जी को सहरसा में पावर ग्रिड निर्माण करवाने के लिए बधाई देता हूॅ। सभी वक्ताओं ने विस्तारपूर्वक अपनी बातें रखीं। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिजली के क्षेत्र में व्यापक पैमाने पर काम किया गया है। जहां वर्ष 2005 में 24 लाख उपभोक्ता थे और मात्र सात सौ मेगावाट बिजली की खपत थी। वर्ष 2017 में 4,535 मेगावाट बिजली की खपत हुई, अभी 5,139 मेगावाट बिजली की खपत है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 15 अगस्त 2012 के भाषण के दौरान मैंने कहा था कि अगर बिजली की उपलब्धता सुनिश्चित नहीं कराउंगा तो वर्ष 2015 के चुनाव में वोट मांगने नहीं जाऊॅगा। बिजली के क्षेत्र में सुधार के लिए कई कदम उठाए गए। 2015 में सात निश्चय के अंतर्गत हर घर तक बिजली पहुंचाने के लक्ष्य को समय से पूर्व ही 25 अक्टूबर 2018 को प्राप्त कर लिया गया। अब हर इच्छुक व्यक्ति जिसने बिजली का कनेक्शन लेना चाहा, उन तक बिजली पहुंच गई है। केंद्र सरकार भी राष्ट्रीय स्तर पर इस योजना पर काम कर रही है और केंद्र सरकार के सहयोग से हमें इस लक्ष्य को प्राप्त करने में और सहुलियत हुई। समय से पूर्व लक्ष्य प्राप्ति के लिए राज्य सरकार के ऊर्जा मंत्री और ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव के योगदान की भी सराहना करता हूॅ। उन्होंने कहा कि 31 दिसंबर 2019 तक सभी जर्जर तारों को बदलने का नया लक्ष्य रखा गया है। हर किसान के खेतों तक सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराने के लिये 31 दिसंबर 2019 तक अलग कृषि फीडर के निर्माण का भी लक्ष्य रखा गया है। राज्य सरकार ने निजी नलकूपों और राजकीय नलकूपों के लिए बिजली की दर को घटाकर 75 पैसे प्रति यूनिट कर दिया है। इससे किसानों को काफी फायदा हो रहा है। राज्य में सूखे की स्थिति में किसानों को सिंचाई में सहुलियत देने के लिए 50 रुपए प्रति लीटर डीजल सब्सिडी दी गई।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में साढ़े 8 करोड़ से ज्यादा लोग मोबाइल का उपयोग कर रहे हैं। बिजली बिल के भुगतान में लोगों को सहुलियत हो, इसके लिए मोबाइल के माध्यम से बिजली उपभोक्ता प्रीपेड सुविधा का लाभ हासिल कर सकेंगे, इस काम को पूरा करने में लगभग तीन वर्ष का समय लग जाएगा। उपभोक्ताओं की सहुलियत के लिए राज्य सरकार सभी चीजों पर नजर रख रही है। केंद्रीय विद्युत राज्य मंत्री और राज्य सरकार के विद्युत मंत्री दोनों इसी कोसी क्षेत्र के हैं। इस क्षेत्र में ऊर्जा संबंधी समस्याओं का समाधान आसानी से कर सकेंगे। कुछ लोग मुफ्त बिजली का आश्वासन देते हैं ये सही नहीं है, बिजली का रेट कम हो यह ठीक है, लोगों को थोड़ी राशि खर्च करने पर बिजली के सदुपयोग की अहमियत का एहसास होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण और पृथ्वी के संरक्षण के प्रति भी सजग रहना चाहिए। कोयले की खपत के बारे में सतर्क रहने की जरुरत है। सौर ऊर्जा अक्षय ऊर्जा है। कुछ लोग गलत फहमी में सौर ऊर्जा को नकली ऊर्जा समझते हैं जबकि वास्तव में यही असली ऊर्जा है। सूर्य की जब तक कृपा है, तब तक पृथ्वी पर पेड़-पौधे, जीव जंतु मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि जब हम भूटान के दौरे पर थे, वहां के हाइडल पावर प्लांट को हमने देखा था, उससे होने वाली बिजली आपूर्ति का लाभ हम सबको भी मिलेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बिजली के लिए पहले उत्पादन का कार्य होता है, उसके बाद ट्रांसमिशन, फिर सब ट्रांसमिशन होता है, तब उसके बाद उपभोक्ताओं के पास डिस्ट्रीब्यूशन के माध्यम से बिजली पहुंचती है। उन्होंने कहा कि यह सहरसा विद्युत उपकेंद्र 300 करोड़ रूपये की लागत से 36 माह में बनकर तैयार होगा। इसके अलावा राज्य सरकार इसके संचरण के लिए रिंग नेटवर्क के निर्माण में 354 करोड़ 45 लाख रुपए खर्च करेगी। केंद्र सरकार के द्वारा तीन पावर ग्रिड का शिलान्यास किया गया है। इससे बिजली आपूर्ति में काफी सहुलियत होगी और बढ़ी हुई बिजली की आवश्कताओं को पूरा किया जा सकेगा। लोगों को पूरी गुणवत्ता के साथ बिजली मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोक शिकायत निवारण कानून बनने के बाद लोगों को बिजली बिल संबंधित समस्याओं के साथ ही अन्य समस्याओं के समाधान का कानूनी अधिकार प्राप्त है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोसी में वर्ष 2008 में आयी आपदा के बाद राज्य सरकार ने कोसी के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किए हैं। यहां की सडक़ें, ब्रिज का हवाई सर्वे हमने किया है और 22 जनवरी 2019 को पदाधिकारियों के साथ इस मामले पर बैठक कर कार्य में प्रगति लाने के लिए काम किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि भूमि अधिग्रहण के काम में सहयोग करना चाहिए ताकि विलंब न हो। मुख्यमंत्री ने सहरसा में एम्स की मांग पर कहा कि यह केंद्र सरकार के अधिकार क्षेत्र का मामला है और केंद्र सरकार उसका कहीं भी निर्माण करना चाहेगी तो राज्य सरकार उसमें भरपूर मदद करेगी। ऐसे दरभंगा मेडिकल कॉलेज को ही प्रोन्नत कर एम्स बनाने पर केंद्र सरकार विचार कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार सरकार 18 मेडिकल कॉलेज बना रही है, जिसमें मधेपुरा में भी एक मेडिकल कॉलेज बन रहा है। उन्होंने कहा कि हमलोगों की यही कोशिश है कि लोगों का बेहतर इलाज हो और मजबूरी में लोगों को बाहर जाने की जरुरत न पड़े। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम काम के आधार पर वोट मांगते हैं, न्याय के साथ विकास के पथ पर आगे बढ़ रहे हैं। हर तबके और हर इलाके के विकास में लगे हैं। बिहार की जनता जब तक मौका देगी हमारी प्रतिबद्धता बिहार की जनता के प्रति एवं काम के प्रति रहेगी। उन्होंने कहा कि बिजली के आने से अंधेरा, भूत का डर खत्म हो गया है और ढिबरी और लालटेन की उपयोगिता भी समाप्त हो गयी है। उन्होंने कहा कि विकास के मुद्दे पर सभी लोग मिलकर साथ काम करें। सहरसा में मंडन भारती कृषि महाविद्यालय का निर्माण कराया जा रहा है। समाज में प्रेम और भाईचारे का वातावरण बनाकर सौहाद्र्र और एक दूसरे के प्रति सम्मान का भाव रखते हुए राज्य को विकास के पथ पर ले जाना है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री का स्वागत पुष्प-गुच्छ, अंगवस्त्र एवं स्मृति चिन्ह भेंटकर किया गया। कार्यक्रम को केंद्रीय विद्युत और नवीन व नवीकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री आर.के. सिंह, ऊर्जा मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव, लघु जल संसाधन मंत्री दिनेश चंद्र यादव, एस.सी./एस.टी. कल्याण मंत्री रमेश ऋ षिदेव, सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव, प्रधान सचिव ऊर्जा प्रत्यय अमृत, अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक पावर ग्रिड आईएस झा ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर विधायक नीरज कुमार सिंह उर्फ बब्लू, विधायक डॉ. अब्दुल गफ्फूर, विधायक रत्नेश सदा, विधायक अनिरुद्ध प्रसाद यादव, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा, नॉर्थ बिहार कॉरपोरेशन के एम.डी. संदीप कुमार, कोसी प्रमंडल की आयुक्त सफीना एन., मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह, सहरसा की जिलाधिकारी श्रीमती शैलजा शर्मा, पुलिस अधीक्षक राकेश कुमार सहित अन्य अधिकारीगण, पावर ग्रिड इंडिया लिमिटेड के अधिकारीगण, अभियंतागण एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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