सुल्तानगंज : युवा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ललन कुमार ने कहा कि देश भयानक आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहा है। मोदी सरकार के छह साल के कार्यकाल का सबसे कमजोर साढ़े चार फीसदी विकास दर, अर्थव्यवस्था यह साबित करने के लिए काफी है कि देश केवल भाषणबाजी से ही नहीं चलाया जा सकता है बल्कि देश चलाने के लिए अर्थव्यवस्था के हर मोर्चे पर भी प्राथमिकता के साथ काम करने की आवश्यकता होती है। आखिर क्या कारण है कि तमाम सुधारवादी कदमों के वावजूद आर्थिक विकास दर मौजूदा वित्त वर्ष की दुसरी तिमाही यानी जुलाई-सितंबर में गिरकर 4.5 प्रतिशत आ गई।
श्री कुमार ने कहा है कि नोटबंदी और जीएसटी लागू करने का ही परिणाम है कि आज देश की आर्थिक हालत नाजुक दौर में आ गया है। समय समय पर देश, दुनिया के बड़े बड़े अर्थशास्त्रीयों के अच्छे सुझावों को भी सरकार ने अनसुना कर दिया जिसका परिणाम सामने है। नोटबंदी के समय देश के पूर्व प्रधानमंत्री और महान अर्थशास्त्री डॉ मनमोहन सिंह ने भी कहा था कि नोटबंदी से जीडीपी 2प्रतिशत नीचे जाएगा । जीडीपी गिरना केवल एक आंकड़ा नहीं है बल्कि जीडीपी गिरने से देश और दुनिया के साथ हो रहे तमाम तरह के व्यापार पर, रोजगार पर, कारोबार आयात निर्यात पर एवं सरकार के साख पर भी बुरा असर पड़ता है। देश की जनता को दिग्भ्रमित करने के लिए जाति धर्म पर आधारित अनेक नियम कानून लाए जा रहे हैं जो भारत जैसे धर्मनिरपेक्ष देश के लिए हानिकारक साबित होगी।