पटना : राज्य के सरकारी तालाबों की बंदोबस्ती अब एक रूपये के टोकन राशि पर की जाएगी। साथ ही राज्य के सभी मछुआरों को मिलेगा मत्स्य किसान क्रेडिट कार्ड। ये बातें सोमवार को बिहार राज्य मत्स्यजीवी सहकारी संघ के तत्वावधान में स्थानीय विद्यापति भवन के सभागार में आयोजित संघ के वार्षिक आम सभा में कृषि-सह-पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री डा. प्रेम कुमार ने कही।
कृषि मंत्री ने कहा कि राज्य के सभी मछुआरों के समस्यओं के लिए नियमित बैठक की जाएगी। मंत्री ने कहा कि प्रत्येक माह सरकार एवं संघ के प्रतिनिधि एक साथ बैठकर मछुआरों से जुड़ी समस्याओं का समाधान निकालेगें। उन्होंने कहा कि पैक्स की तरह मछुआरों की सहकारी समितियों के लिए भवन निर्माण, कार्यालय के लिए कम्प्यूटर आदि की व्यवस्था की जाएगी।
जिन इलाकों में सुखाड़ की समस्या बनी हुई है उन इलाको के तालाबों की राजस्व माफ की जाएगी एवं पूर्व के बकाया कर्ज को माफ किया जाएगा। आगामी 10 जुलाई को ‘मछुआ दिवस’ को बड़े धूमधाम से करने की बात कही। मंत्री ने कहा कि मछुआरों के कल्याण के लिए अलग से केन्द्र में मत्स्यपालन मंत्रालय का गठन किया गया है।
कृषि मंत्री ने कहा कि कृषि फीडर की तरह तालाबों के लिए भी फीडर लगाये जाएगें ताकि तालाबों में सालोंभर पानी भऱा रहे और बेहतर तरीके से मछुआ मत्स्यपालन कर सकें। इस अवसर पर खाद्य एवं आपूत्र्ति मंत्री मदन सहनी ने कहा कि मछुआरों को जागरूक एवं एकजुट होने की जरूरत है। सरकार उनके हितों की रक्षा के लिए तत्पर है।
मंत्री ने कहा कि तालाबों के राजस्व वृद्धि के मामलें को सरकार वापस लेगी। इसके अलावा सरकार नदियों की नि:शुल्क शिकारमाही को समाप्त कर अब उसे मछुआ समितियों के साथ एक रूपये की टोकन पर बंदोबस्त करेगी। मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि मछुआ समितियों में केवल मछुआरें ही रहेगें।
उन्हेांने कहा कि खुली डाक की परम्परा समाप्त कर एक रूपये टोकन पर सरकारी तालाबों की बंदोबस्ती मछुआ समितियों के साथ की जाएगी। इस अवसर पर आये अतिथियों का स्वागत करते हुए बिहार राज्य मत्स्यजीवी सहकारी संघ (कॉफ्फेंड) के प्रबंध निदेशक ऋषिकेश कश्यप ने कहा कि राज्य में जिला मत्स्य पदाधिकारियों द्वारा मनमाने तरीके से तालाबों के राजस्व में वृद्धि कर दी गई है। इसे गरीब मछुआरों के सामने भूखमरी की समस्या उत्पन्न हो गई है। एक तरफ प्रकृति के मार से मछुआरे परेशान है।
तालाबों में पानी नही है। मछलियां मर रही है, उन्हें बचाने में ही मछुआरों की बची राशि खर्च हो जा रही है ऐसे में मत्स्य पालन अधिकारियों द्वारा राजस्व में पांच से छह गुणा वृद्धि जले पर नमक छिडक़ने के समान है। उन्होंने सरकार को एक रूपये के टोकन पर तालाबों की बंदोबस्ती को याद दिलाई, जिसे मत्स्य मंत्री ने स्वागत किया। मालूम हों कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसकी घोषणा वर्ष 2013 में ‘मछुआरा दिवस’ के अवसर पर की थी।
श्री कश्यप ने कहा कि मछुआ समाज एकजुट है और सरकार के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने को तैयार है बेशत्र्ते सरकार उनकी समस्याओं का समाधान करते रहें। इस अवसर पर श्री कश्यप ने बिहार एवं झारखंड के कोने-कोने से आए मत्स्जीवी सहकारी समिति के अध्यक्ष एवं मंत्रियों का हार्दिक अभिनंदन किया। सभा की अध्यक्षता संघ के अध्यक्ष सकलदेव सहनी ने की। मंच संचालन पप्पु सिंह निषाद ने किया।
इस अवसर पर छोटे सहनी, नवीन कुमार आर्य, अरविन्द निषाद, चौधरी दीपक निषाद, ई. सत्येन्द्र सिंह, नरेश सहनी, लालबाबु सहनी, रामाशीष चौधरी, लवकिशोर निषाद, जगत नारायण, तेजनारायण सहनी, अरूण सहनी, राजकुमार केवट, शिवशंकर निषाद, पद्मजा प्रियदर्शी, रंजीत सहनी, मुन्ना चौधरी, अजेन्द्र कुमार, प्रदीप कुमार सहनी, बजेन्द्रनाथ सिन्हा ने सभा को संबोधित किया।