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बिहार : RJD और JDU में ‘पोस्टर’ के जरिए गुटबाजी आ रही बाहर, सड़क पर दिख रहा है ‘शीतयुद्ध’

बिहार में सत्तारूढ जनता दल (युनाइटेड) हो या मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) दोनों दलों के नेताओं की ओर से लगाए गए पोस्टरों ने पार्टी में ‘सब कुछ’ ठीक नहीं होने के संकेत दे दिए हैं।

बिहार की राजनीति में एक बार फिर सबकुछ ठीक नहीं है और सियासी सरगर्मी तेज है। राज्य में सत्तारूढ जनता दल (युनाइटेड) हो या मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) दोनों दलों के नेताओं की ओर से लगाए गए पोस्टरों ने पार्टी में ‘सब कुछ’ ठीक नहीं होने के संकेत दे दिए हैं।
राजद में जहां पोस्टरों में दोनों भाइयों तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव की तस्वीर को लेकर पार्टी की किरकिरी हुई वहीं जदयू के पोस्टरों में अध्यक्ष ललन सिंह और पूर्व अध्यक्ष तथा केंद्रीय मंत्री आर सी पी सिंह की तस्वीर को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया, जिसके बाद सफाई देने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तक को सामने आना पड़ा।
जदयू की बात करें तो मुंगेर के सांसद और नीतीश कुमार के करीबी ललन सिंह के अध्यक्ष बनाए जाने के बाद ही यह कयास लगाए जाने लगे थे पार्टी में गुटबाजी प्रारंभ होगी। इसके बाद पार्टी के महासचिव अभय कुशवाहा द्वारा आर सी पी सिंह के पटना आगमन को लेकर लगाए गए पोस्टर ने इस विवाद को सार्वजनिक कर दिया। दरअसल, आर सी पी सिंह केंद्रीय मंत्री बनने के बाद 16 अगस्त को पहली बार पटना पहुंच रहे हैं।
सिंह के स्वागत के लिए अभय कुशवाहा ने कार्यालय के सामने में एक पोस्टर लगाया, जिसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित प्रमुख नेताओं की तस्वीर तो लगी लेकिन अध्यक्ष ललन सिंह और उपेंद्र कुशवाहा की तस्वीर को पोस्टर में स्थान नहीं दिया गया। इसके बाद हालांकि उस पोस्टर को हटा दिया गया। वैसे, कुशवाहा बाद में इसके लिए प्रदेश अध्यक्ष से मिलकर अपनी गलती मान ली। उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि उपेंद्र कुशवाहा कोई मायने नहीं रखते।
उन्होंने कहा, “नीतीश कुमार, आरसीपी सिंह पार्टी के नेता हैं।” बाद में इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह को सफाई देने के लिए सामने आना पड़ा। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा, “पार्टी में कहीं कोई गुट नहीं है। जदयू पूरी तरह एकजुट है।” इधर, पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह भी कहते हैं, “जदयू में गुटबाजी नहीं चलने वाली है। एक-दो घटनाओं को गंभीरता से नहीं लिया जाना चाहिए। कुछ लोग कभी-कभी व्यक्तिगत रूप से किसी से प्रभवित हो जाते हैं, लेकिन हमारी पार्टी में कोई गुट नहीं है।”
इधर, राजद में भी पोस्टर पर ही कार्यकर्ता आमने-सामने दिख रहे हैं। राजद के प्रमुख लालू प्रसाद के पुत्र तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव का ‘शीतयुद्ध’ पोस्टर के जरिए सड़क पर दिख रहा है। युवा राजद की रविवार को एक बैठक पटना में आयोजित की गई। इस बैठक को लेकर पार्टी कार्यालय के सामने एक पोस्टर लगाया गया जिसमें तेजस्वी की तस्वीर नहीं लगाई गई, जिससे तेजस्वी समर्थक तिलमिला गए। भड़के तेजस्वी समर्थकों ने तेजप्रताप के पोस्टर पर ही कालिख पोत दी और उस पोस्टर को हटाकर नया पोस्टर लगा दिया। इस पोस्टर में तेजप्रताप की तस्वीर ही ‘गायब’ हो गई।
नए पोस्टर में सिर्फ लालू-राबड़ी और तेजस्वी ही नजर आ रहे हैं। इस मामले में हालांकि राजद का कोई भी बड़ा नेता कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। बहरहाल, इतना तय है कि राजद और जदयू में ‘पोस्टर’ के जरिए ही गुटबाजी साफ दिखने लगी है। समर्थकों द्वारा अपने नेता के ‘चेहरा’ चमकाने के बहाने ही दिलों की बात जुबान पर निकलने लगी है। ऐसे में पार्टी के बड़े नेता इसे कैसे रोकते हैं, यह तो देखने की बात होगी।

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