पटना : उद्योग-व्यापार से जुड़ी देश की सबसे बड़ी संस्था फिक्की (FICCI) के नई दिल्ली में आयोजित 92 वें वार्षिक सम्मेलन में देश के 500 से अधिक प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि फर्जी कम्पनियों के माध्यम से जीएसटी के अन्तर्गत फेक इन्वाॅयस के जरिए 45 हजार करोड़ की करवंचना का मामला प्रकाश में आया है। इस पर कार्रवाई करते हुए सरकार ने पूरे देश में जहां 17 लाख कम्पनियों के निबंधन को रद्द कर दिया है वहीं दो महीने से ज्यादा समय तक जीएसटी आर-1 और 3 बी दाखिल नहीं करने वाले 2.5 लाख करदाताओं के ई-वे बिल को रोक दिया है।
उन्होंने उद्योगपतियों, व्यापारियों को आश्वस्त करते हुए कहा कि तत्कालिक आर्थिक सुस्ती के दौर में बाजार की खपत बढ़ाने के लिए जीएसटी कौंसिल ने फिलहाल किसी भी वस्तु के कर की दर को बढ़ाने से इनकार कर दिया है। इसके साथ ही करवंचना रोकने और फर्जी कम्पनियों पर रोक हेतु नए निबंधन के लिए आधार अनिवार्य किया जा रहा है। पुराने निबंधित करदाताओं को भी आधार से जोड़ा जायेगा। इसके अलावा नए निबंधित करदाताओं के परिसर का भौतिक परीक्षण कराया जा रहा है।
श्री मोदी ने कहा कि 01 अप्रैल, 2020 से जीएसटी के अन्तर्गत नई कर विवरणी लागू की जा रही है। इसके अन्तर्गत इनपुट टैक्स क्रेडिट का वेरीफिकेशन किया जा सकेगा। इसके साथ ही करवंचना रोकने के लिए 100 करोड़ टर्नओवर से अधिक के करदाताओं के लिए इलेक्ट्राॅनिक इनवाॅयस और क्यूआर कोड अनिवार्य किया जा रहा है।