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बक्सर में लाठीचार्ज के खिलाफ भड़के किसान, पुलिस की कई गाड़ियां फूंकी

बिहार के बक्सर में मुआवजे की मांग को लेकर किसान उग्र प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों ने पुलिस की कई गाड़ियों में तोड़फोड़ की है। साथ ही प्रदर्शन कर रहे किसानों ने पुलिस की गाड़ियों में आग लगा दी है

बिहार के बक्सर में मुआवजे की मांग को लेकर किसान उग्र प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों ने पुलिस की कई गाड़ियों में तोड़फोड़ की है। साथ ही प्रदर्शन कर रहे किसानों ने पुलिस की गाड़ियों में आग लगा दी है। हालात ये हो  गए हैं कि उग्र किसानों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को हवाई फायरिंग करनी पड़ी है। दरअसल, थर्मल पावर प्लांट के लिए जमीन का अधिग्रहण किया गया है, जिसके मुआवजे के लिए किसान प्रदर्शन कर रहे हैं।  
किसानों का उग्र प्रदर्शन
बिहार के बक्सर में मुआवजे की मांग को लेकर किसान उग्र प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों ने पुलिस की कई गाड़ियों में तोड़फोड़ की है। साथ ही प्रदर्शन कर रहे किसानों ने पुलिस की गाड़ियों में आग लगा दी है। हालात ये हो  गए हैं कि उग्र किसानों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को हवाई फायरिंग करनी पड़ी है। दरअसल, थर्मल पावर प्लांट के लिए जमीन का अधिग्रहण किया गया है, जिसके मुआवजे के लिए किसान प्रदर्शन कर रहे हैं। 
ये है पूरा मामला
कल रात 12:00 बजे बनारपुर में घर में घुसकर सो रहे किसानों पर बिहार पुलिस ने अचानक लाठियां बरसा दीं. पिछले 2 महीने से उचित मुआवजे की मांग को लेकर यह किसान आंदोलन कर रहे थे. इस घटना का वीडियो साझाकर पीड़ित किसानों के परिजन पूछ रहे हैं कि अपराधियो के सामने घुटने टेक देने वाली पुलिस ने आखिर हमें इतनी बर्बरता से क्यों मारा?
उचित मुआवजे की किसान कर रहे हैं मांग
दरअसल, चौसा में एसजेवीएन के पॉवर प्लान्ट के लिए किसानों का भूमि अधिग्रहण 2010-11 से पहले ही किया गया था. उस समय किसानों को 2010-11 के अनुसार मुआवजे का भुगतान किया गया था. कंपनी ने 2022 में किसानों की जमीन अधिग्रहण करने की करवाई शुरू की तो किसान वर्तमान दर के हिसाब से अधिग्रहण की जाने वाली जमीन का मुआवजा मांगने लगे. जबकि कंपनी पुराने दर पर ही मुआवजा देकर जमीन अधिग्रहण कर रही है. इसके विरोध में पिछले 2 महीने से किसान आंदोलन कर रहे हैं. इसी मामले में पुलिस ने रात के समय घर में घुसकर महिलाओं, पुरुषों, बच्चों पर लाठी बरसाई है.
एसजेवीएन कंपनी बनी दुधारू गाय
चौसा में थर्मल पॉवर प्लान्ट लगाने से पहले जिले के किसानों को कंपनी द्वारा आश्वासन दिया गया था कि कंपनी के इस  इलाके में स्थापित हो जाने के बाद इस जिले में तीव्र गति से विकास होने के साथ ही साथ कंपनी के सीएसआर फंड से यहां बड़े-बड़े स्कूल, होटल एवं रोजी रोजगार के संसाधन बढ़ाए जाएंगे. चारों तरफ खुशहाली होगी. नौकरी में स्थानीय लोगों को वरीयता दी जाएगी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. यहां तक कि कंपनी के अंदर सभी कर्मियो की बहाली अन्य प्रदेशों से की गई. 
क्या कहते हैं अधिकारी?
किसानों के घर में घुसकर 12:00 बजे रात में लाठी बरसाने वाले मुफस्सिल थाने के थानेदार अमित कुमार से जब यह पूछा गया कि आखिर पुलिस 12:00 रात में किसानों के घर में क्या करने गई थी तो उन्होंने बताया कि एसजेवीएन पॉवर प्लान्ट  की तरफ से कुछ किसानों पर एफआईआर दर्ज कराया गया था. जब पुलिस रात में पकड़ने गई तो पहले उन लोगों ने हमला किया, जिसके बाद पुलिस ने लाठी बरसाई.

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