राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेज प्रताप यादव के खिलाफ 2020 में बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान दायर हलफनामे में कथित रूप से संपत्ति का विवरण छिपाने के लिए प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिस ने गुरुवार को जानकारी देते हुए कहा कि लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव के खिलाफ समस्तीपुर के रोसेरा थाने में प्राथमिकी दर्ज की गयी है। राजद नेता पर अचल संपत्ति को छिपाने के लिए जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 125 (ए) के तहत आरोप लगाया गया है।
तेजप्रताप के खिलाफ दर्ज हुई FIR
इस मामले की शिकायत जनता दल (यूनाइटेड) ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी से की थी। चुनाव आयोग के आदेश और जिला निर्वाचन अधिकारी एवं उप समाहर्ता भूमि सुधार (डीसीएलआर) के निर्देश पर रोसेरा अनुमंडल पदाधिकारी (एसडीओ) बृजेश कुमार ने राजद नेता के खिलाफ कार्रवाई की है। बाद में, शिकायत की एक प्रति भारत के चुनाव आयोग को भेजी गई, जिसने केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) को जांच के लिए लिखा।
चुनाव आयोग ने भेजा कारण बताओ नोटिस
सीबीडीटी की जांच के बाद चुनाव आयोग ने तेज प्रताप यादव को हलफनामे में गलत जानकारी देने पर कारण बताओ नोटिस भेजा था। तेजप्रताप को तीन हफ्ते के अंदर जवाब देने को कहा गया है। हालांकि, राजद विधायक द्वारा दिए गए समय में जवाब देने में विफल रहने के बाद, उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी।