गिरिराज सिंह का CM नीतीश पर वार, कहा- ‘सासाराम जल रहा था और वो PM बनने के सपने देखने में लगे थे’ - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

गिरिराज सिंह का CM नीतीश पर वार, कहा- ‘सासाराम जल रहा था और वो PM बनने के सपने देखने में लगे थे’

उत्तर प्रदेश का प्रमुख शहर मुजफ्फरनगर फिर सुर्खियों में आ गया है। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने इस शहर का नाम बदलने की मांग कर दी है

उत्तर प्रदेश का प्रमुख शहर मुजफ्फरनगर फिर सुर्खियों में आ गया है। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने इस शहर का नाम बदलने की मांग कर दी है। शुक्रवार को मुजफ्फरनगर में आने के बाद गिरिराज सिंह ने कहा हेै आजादी के पचहत्तर साल बाद भी देश में अभी तक मुगलों की निशानियां मौजूद हैं। अब समय आ गया है कि देश में मुगलों की निशानियों को मिटा देना चाहिए। ऐसे में इस शहर का नाम बदला जाना चाहिए।
 रेलवे स्टेशनों समेत अनेक शहरों के नाम बदले जा चुके 
Bihar Politics:गिरिराज सिंह बोले- मस्जिदें निजी और मंदिरों का  सरकारीकरण...यह तुष्टीकरण बंद करें नीतीश कुमार - Bjp Mp Giriraj Singh  Targets Cm Nitish Kumar Bihar Politics - Amar ...
हालांकि उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जब से सरकार आई है तब से प्रदेश में कई रेलवे स्टेशनों समेत अनेक शहरों के नाम बदले जा चुके हैं। लेकिन शुक्रवार को पशु प्रदर्शनी और कृषि मेला में शामिल होने आए गिरिराज सिंह के इस बयान ने एक बार फिर नाम परिवर्तन राग छेड़ दिया। मुजफ्फरनगर शहर उत्तर प्रदेश के पश्चिमी भाग में यमुना नदी और गंगा नदी के दोआब क्षेत्र में स्थित है। यह शहर मेरठ और सहारनपुर के बीच है। आज की तारीख में यह एक प्रमुख औद्योगिक शहर है। गन्ना की खेती के लिए यह शहर खूब जाना जाता है। जाट बहुल इस क्षेत्र में मुस्लिम आबादी अच्छी खासी है। 
मुजफ्फरनगर की जड़ें हड़प्पा सभ्यता और महाभारत युग तक 
मुजफ्फरनगर की जड़ें हड़प्पा सभ्यता और महाभारत युग तक जाती हैं। पिछले सालों में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने शहर की पृष्ठभूमि को लेकर कई खुलासे किये थे। कई अवशेष मिले थे जिसके बारे में बताया गया कि वे हड़प्पाकालीन हैं। ये तथ्य मुजफ्फरनगर की समृद्ध विरासत को सामने लाते हैं। दावा किया जाता है कि महाभारत काल की कुछ लड़ाइयां मुजफ्फरनगर के गांव में भी हुई थी।
मुगल काल में सहारनपुर के शासक के अधीन 
इस क्षेत्र को मूल रूप से सरवट नाम दिया गया था। सरवट मुगल काल में सहारनपुर के शासक के अधीन था। इतिहासकारों के मुताबिक मुगल शासक शाहजहां ने यहां पीर खान लोदी को हराकर सईद मुजफ्फर खान को इस क्षेत्र को जागीर के रूप में पेश कर दिया था। यह 1633 का समय था। बाद में मुजफ्फर खान के बेटे मुनव्वर लश्कर खान ने अपने पिता की याद में इस पूरे क्षेत्र का नाम मुजफ्फरनगर रख दिया, तभी से यह मुजफ्फरनगर कहा जाता है।
 मुगलों की शैली और वास्तुकला
यहां तमाम इलाकों में मुगलों की शैली और वास्तुकला फैली हुई है। यहां से सैयदों के वंश का भी गहरा संबंध है मुजफ्फरनगर शहर को अंग्रेजों ने भी ईस्ट इंडिया कंपनी का अपना खास केंद्र बना रखा था। बाद में जब 1857 में प्रथम स्वतंत्रता संग्राम का दौर आया तो मुजफ्फरनगर में स्वतंत्रता सेनानियों के लिए एक दफ्तर बनाया गया। स्वतंत्रता आंदोलन की अनेक विभूतियों मसलन महात्मा गांधी, सुभाष बोस, जवाहरलाल नेहरू, सरोजिनी नायडू आदि ने जिले का दौरा किया था। यहां तक कि 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान भी यहां खास गतिविधियां देखी गईं थीं।
 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

five × three =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।