पटना, (पंजाब केसरी) : बिहार प्रदेश महिला कांग्रेस के पूर्व उपाध्यक्ष मंजुबाला पाठक ने कहा कि कोरोना के कारण जब कच्चे तेल की कीमतें रिकॉर्ड सबसे निचले पायदान पर आ गयी है तब भी सरकार ने पेट्रोल और डीजल के दाम कम नही किये। कम करना तो छोड़ ही दीजिये सरकार ने एक्साइज ड्यूटी महंगा कर दिया है। जब कोरोना काल मे पूरा देश आर्थिक महामारी से लड रहा है ऐसे समय मे पेट्रोल और डीजल के दामों को कम ना करना आर्थिक आतंकवाद से कम नही है। अब कच्चे तेल की कीमतों का असर सीधे तेल कंपनियों के दामो पर होता है।अब जब कच्चे तेल की कीमत कम हुई है तो पेट्रोल और डीज़ल के दाम भी कम होने चाहिए,जिससे सीधा फायदा आम आदमी और किसानों को मिल सके पर सरकार का सारा ध्यान अपनी तिजोरी भरने में है।तेल की कीमतों की वजह से सारी चीज़ें महंगी हो जाएंगी। सबसे ज्यादा मुसीबत किसानों के लिए होगी।एक तो समय से फसल की कटाई नही हो पाई उसके अलावा ओलावृष्टि और बारिश से फसलों को बहुत नुकसान हुआ। खड़ी फसले बर्बाद हो गयीं। अब जब खरीफ की फसलों की बुआई का टाइम आया है सरकार ने डीज़ल के दाम फिर भी कम नही किए। किसान इस दोहरी मार को कैसे सहेगा? और अगर अन्नदाता अन्न उगाएगा ही नही तो लोग खाएंगे कहा से? सरकार व्यापारियों को आर्थिक मदद तो देने को तैयार है पर किसानों और आम आदमी की समस्या को समझने को तैयार नही है। इस मुश्किल वक्त में भी सरकार अपना कोष भरने में लगी है। सरकार से आग्रह है कि ये बढ़े हुए दाम वापिस ले और किसानों को आर्थिक मदद की घोषणा करे जिससे फसलों में हुए नुकसान का भरपाया हो सके और खरीफ की बुआई की जा सके।