पटना : कृषि मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने कहा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में बाढ़ एवं सुखाड़ की समीक्षा की गई, जिसमें कृषि विभाग को यह निदेश दिया गया कि 15 अगस्त तक सम्भावित सुखाड़ वाले जिलों में आकस्मिक फसल योजना के अंतर्गत वैकल्पिक फसलों के लिए बीज भेजना सुनिश्चित किया जाये। जुलाई माह के प्रथम सप्ताह में नेपाल से सटे जिलों में अत्याधिक वर्षा तथा नदियों में खतरे के निशान से अधिक जल-बहाव के कारण बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई।
श्री कुमार ने कहा कि आकस्मिक फसल योजना 2019 के लिए कुल 20 करोड़ रूपये राशि कर्णांकित की गई है। जिलों से बीज की आवश्यकता से संबंधित प्रतिवेदन प्राप्त होने के उपरान्त आकस्मिक फसल योजना के अंतर्गत बाढ़ प्रभावित जिलों के लिए बिहार राज्य बीज निगम द्वारा अल्प अवधि के धान के संकर प्रभेद के 2,400 क्विं? तथा प्रमाणित धान के बीज 505 क्विं? कुल 2,905 क्विं.धान के बीज 11 जिलों यथा- शिवहर, सीतामढ़ी, अररिया, पूर्वी चम्पारण, मधुबनी, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, सुपौल, कटिहार, किशनगंज तथा पश्चिम चम्पारण को किसानों के बीच नि:शुल्क वितरण करने हेतु उपलब्ध कराया जा चुका है।
डॉ. कुमार ने कहा कि सम्भावित सुखाड़ वाले जिलों से जिला कृषि पदाधिकारी द्वारा प्रतिवेदित माँग के अनुसार कुल्थी के लिए 2230 किव, तोरिया के 2000 किव, उड़द के 800 किव, अरहर के 3000 क्ंिव, मक्का के 3180 किव? तथा मटर के 1000 किव. बीज जिलों को तत्काल उपलब्ध कराया जा रहा है।
मंत्री ने सख्त निदेश दिया है कि किसी भी परिस्थिति में बीज अवशेष न बचे, यह जिम्मेवारी जिला कृषि पदाधिकारी की होगी। यदि किसी कारणवश बीज अवशेष रहेगा तो उसके मूल्य की वसूली संबंधित कृषि समन्वयक, प्रखण्ड कृषि पदाधिकारी एवं जिला कृषि पदाधिकारी के वेतन से की जायेगी। उन्होंने कहा कि सरकार हर परिस्थिति में किसानों के साथ पूरी दृढ़ता से खड़ी है।