कोविड-19 संक्रमण से बचाव के लिए पल्स पोलियो अभियान की तर्ज पर घर-घर परीक्षण अभियान चलाया जाए : मुख्यमंत्री - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

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कोविड-19 संक्रमण से बचाव के लिए पल्स पोलियो अभियान की तर्ज पर घर-घर परीक्षण अभियान चलाया जाए : मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री ने लोगों से स्वास्थ्य सेवा में लगे फ्रंटलाइन वर्करों के साथ किसी प्रकार का दुर्व्यवहार न करने की अपील करते हुए कहा, ‘‘हम सभी का दायित्व है कि इन सभी का उत्साह बढ़ाते रहें।

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के मद्देनज़र निर्देश दिया है कि जहां भी कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं वहां उसे उसका केंद्र मानते हुए अधिकारी पल्स पोलियो की तर्ज पर उसके 3 किलोमीटर के दायरे में घर घर जा कर कोरोना की जांच करें। मुख्यमंत्री नितीश कुमार ने अपने आवास पर मुख्य सचिव दीपक कुमार एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार के साथ एक बैठक के दौरान कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिये किये जा रहे कार्यों के संबंध में यह निर्देश दिया है। 
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमितों को चिन्हित करने के लिये पल्स पोलियो अभियान की तर्ज पर 16 अप्रैल से प्रभावित जिलों –सिवान, बेगूसराय, नालंदा और नवादा में घर-घर परीक्षण अभियान चलाया जाय। इन जिलों के सीमावर्ती जिलों में भी जो क्षेत्र प्रभावित है, वहां भी घर-घर परीक्षण अभियान चलाया जाए।
उन्होंने निर्देश दिया कि बिहार में अब तक जो कोरोना के 66 संक्रमण के मामले पाये गये हैं, उन मरीजों के निवास को केंद्र मानते हुये उसके 3 किलोमीटर की परिधि की भी घर-घर परीक्षण करायें। 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है और उनलोगों की स्क्रीनिंग भी ठक से करायी जाय।
उन्होंने कहा कि एक से 23 मार्च तक राज्य में बाहर से आने वाले सभी लोगों की भी घर-घर तक जांच करायी जाय। जो भी चिकित्सकीय स्टाफ जांच के लिये जाते हैं, उनकी सुविधा और सुरक्षा का ख्याल रखें। इस अभियान के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो।
मुख्यमंत्री ने लोगों से स्वास्थ्य सेवा में लगे फ्रंटलाइन वर्करों के साथ किसी प्रकार का दुर्व्यवहार न करने की अपील करते हुए कहा, ‘‘हम सभी का दायित्व है कि इन सभी का उत्साह बढ़ाते रहें। हमें सभी को इनकी सुविधाओं एवं सुरक्षा का ध्यान रखना हेागा।’’
स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने बताया कि दो-दो लोगों की टीम बनाकर यह जांच करायी जायेगी। उसके ऊपर एक सुपरवाइजर होंगे, जो स्क्रीनिंग किये लोगों की लिस्ट बनाकर संबंधित प्रखण्ड में जमा करेंगे और प्रखण्ड स्तर पर इसकी सूची तैयार की जायेगी। उन्होंने कहा कि जिनमें कोरोना संक्रमण के लक्षण पाये जायेंगे, उन्हें प्रखण्ड स्तर पर बने पृथक वास केंद्रों में रखा जायेगा। संजय कुमार ने बताया कि पूरे देश में इस तरह का अभियान चलाने वाला बिहार पहला राज्य होगा।
बिहार में कोरोना वायरस संक्रमण के सोमवार तक सिवान में सबसे अधिक 29 मामले, बेगुसराय में 08, मुंगेर में 07, पटना एवं गया में पांच—पांच, गोपालगंज एवं नवादा में तीन—तीन, नालंदा में दो तथा सारण, लखीसराय एवं भागलपुर में एक—एक मामले प्रकाश में आए हैं ।
गौरतलब है कि ओमान से लौटे सिवान निवासी एक मरीज के संपर्क में बीते दिनों आने से अबतक 23 लोगों में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है । वहीं कतर से लौटे मुंगेर निवासी एक मरीज के संपर्क में बीते दिनों में 64 व्यक्ति आए थे जिनमें से 55 के सैंपल जांच के लिए आरएमआरआई में भेजे गये थे, और 11 में कोरोना वायरस संक्रमण की पुष्टि हुई थी । कतर से लौटे इस व्यक्ति की 21 मार्च को पटना एम्स में मौत हो गयी थी, बिहार में अबतक 7781 कोरोना संदिग्ध सैंपल की जांच की जा चुकी है ।

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