पटना : जमुई सुरक्षित लोकसभा क्षेत्र के वर्तमान सांसद चिराग पासवान हैं जो केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान के सुपुत्र हैं, ने 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी की ऐसी हवा चली कि युवाओं में जोश उमंग जाग उठा कि मोदी को जीताना है और युवाओं को नौकरी दिलाना है। मगर वहां के युवाओं को चली उस हवा के उल्टे रूख को देखते-देखते मोदी सरकार के साढ़े चार साल बीत गये और क्षेत्र के युवा जनता मोदी पर आश लगाये बैठे रहे और उनके लिए कुछ भी नहीं हुआ।
बीच में केन्द्रीय मंत्री ने कहा था कि देश के नौजवान नौकरी का लालसा नहीं रखें, बल्कि अपनी रोजी-रोटी के लिए पकौड़े का दुकान खोले। इन बातों को सुनकर नौजवानों में आक्रोश उबाल चरम पर है। नौजवानों का कहना है कि 2014 में नरेन्द्र मोदी ने जो वायदा क्षेत्र के लोगों से किया था उसे पूरा नहीं कर सका। केन्द्र सरकार कहती है कि बहुत बड़े-बड़े एजेंडे नौजवानों के लिए लाया गया है मगर वह एजेंडा कहा तक पहुंचा किसी को पता नहीं। जिसके कारण जमुई में बेरोजगारी चरम सीमा पर है। अगर मोदी जी स्थायी नौकरी नहीं देते हैं तो ठेके पर ही बहाल कर देते। अब लोकसभा चुनाव नजदीक आते ही रेलवे में भर्ती निकाला है इसलिए इस बार जमुई लोकसभा सुरक्षित सीट मोदी जी के लिए टेढ़ी खीर साबित होगा।
बता दें कि जमुई लोकसभा क्षेत्र वर्षों से पिछड़ा जिला रहा है। पिछड़ा जिला एवं नक्सली क्षेत्र होने के चलते यहां पर कमाई का कोई स्रोत नहीं है। आदिवासी किसी तरह सखुआ के पत्ता और दतुअवन बिक्री कर अपना गुजारा कर रहे हैं। जमुई के कुछ दलित -आदिवासी बाहर के राज्यों में पलायन कर रोजगार कर रहे है। इस बार सिकन्दरा के वर्तमान कांग्रेस विधायक सुधीर कुमार उर्फ बंटी चौधरी भी जमुई लोकसभा को आगे बढ़ाने के लिए कांग्रेस के बड़े-बड़े नेताओं को उतार रहे है ताकि कांग्रेस इस सीट को अपने कब्जे में कर जमुई का कायाकल्प कर सके। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि जमुई लोकसभा सुरक्षित सीट में एससी-एसटी के लिए कुछ नहीं हो सका, केवल भाषणबाजी ही रहा। देखना है महागठबंधन कांग्रेस के खाते में जायेगा या राजद के।
कांग्रेस के चुनाव प्रभारी सह राज्यसभा सांसद अखिलेश सिंह कई बार इस क्षेत्र का दौरा कर चुके हैं और दलित- आदिवासी के घरों में जाकर राहुल गांधी एवं उनके विचारों को पहुंचाने का कार्य किये है। अब यहां का मुख्य मुद्दा स्थानीय लोगों को ही लोकसभा का टिकट दिया जाये ताकि वे अपने ेक्षेत्र को अच्छे ढंग विकास कर सकें। बाहरी लोगों को टिकट देने पर एससी-एसटी का सपना पूरा नहीं होता है। इस बार जमुई लोकसभा से चिराग पासवान से दो-दो हाथ करने के लिए बंटी चौधरी, आई. पी. गुप्ता, उदय नारायण चौधरी, अशोक चौधरी और भूदेव चौधरी आश लगाये बैठे हैं कि जमुई का प्रतिनिधित्व करने का मौका मुझे ही मिलेगा। अब देखना है कि महागठबंधन में जमुई सुरक्षित सीट किसके पाले जाती है।