बिहार की सत्ताधारी पार्टी जदयू ने पूर्व मंत्री मंजू वर्मा को गुरूवार को पार्टी से निलंबित कर दिया । मुजफ्फरपुर बालिका गृह यौन उत्पीडन कांड सामने आने के बाद मंजू वर्मा ने समाज कल्याण मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। वह हथियार कानून के एक मामले में फरार हैं।
जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि अपराध और भ्रष्टाचार के मामले में ‘‘जीरो टालरेंस’’ की नीति अपनाने वाली उनकी पार्टी ने गत 10 नवंबर को ही मंजू वर्मा को पार्टी से निलंबित कर दिया था ।
बेगूसराय जिले के चेरिया बरियारपुर विधानसभा क्षेत्र से जदयू विधायक मंजू वर्मा ने मुजफ्फरपुर कांड के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर से अपने पति की निकटता की बात सामने आने पर समाज कल्याण मंत्री के पद से अगस्त में इस्तीफा दे दिया था ।
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मुजफ्फरपुर बालिका गृह में 34 लडकियों के यौन शोषण की जांच कर रही सीबीआई ने पूर्व मंत्री के चेरिया बरियारपुर थाना अंतर्गत अर्जुनटोला स्थित आवास पर गत 17 अगस्त को छापेमारी की थी। इस दौरान उनके घर से 50 कारतूस बरामद हुए थे।
इस मामले में सीबीआई के डीएसपी उमेश कुमार के आवेदन पर चेरिया बरियारपुर थाना में पूर्व मंत्री मंजू वर्मा एवं उनके पति चंद्रशेखर वर्मा के विरुद्ध भादवि की धारा 25(1)ए, 26 एवं 35 के तहत कांड संख्या 143/18 दर्ज की गयी थी।
इस मामले में चंद्रशेखर वर्मा ने 29 अक्तूबर को अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया था। इस मामले में फरार चल रही मंजू की अग्रिम जमानत याचिका को पटना उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया था।
उच्चतम न्यायालय ने मंजू की गिरफ्तारी में अबतक नाकाम रही बिहार पुलिस की हाल ही में खिंचाई की थी।