बिहार में शराबबंदी को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी का दावा है कि शराबबंदी के नाम पर गरीबों को प्रताड़ित किया जा रहा है। हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के प्रमुख के इस बयान को लालू प्रसाद की बेटी रोहिणी आचार्य का समर्थन मिला है। रोहिणी ने सवालिया लहजे में कहा, "शराबबंदी का उल्लंघन करने पर एक भी आईएएस या आईपीएस अधिकारी को गिरफ्तार नहीं किया जाता है।"
रोहिणी ने ट्वीट में कहा, "बिहार पुलिस आईएएस, आईपीएस और मंत्री के घर के बेडरूम और बाथरूम की जांच क्यों नहीं कर रही है। बिहार पुलिस केवल महिलाओं और दुल्हनों के बेडरूम और वॉशरूम में ही छापेमारी कर सकती है।" उनका यह ट्वीट मांझी द्वारा गरीब लोगों को अमीरों की तरह सीमित मात्रा में शराब पीने की सलाह देने के एक दिन बाद आया है।
मांझी ने कहा, "राज्य में सभी आईएएस, आईपीएस, मंत्रियों, ठेकेदारों, डॉक्टरों, इंजीनियरों द्वारा शराब का सेवन किया जाता है लेकिन वे सीमित मात्रा में उपभोग करते हैं। वे रात 10 बजे के बाद शराब पीते हैं और घर के अंदर रहते हैं।"नियम क़ानून सिर्फ़ ग़रीबों के लिए है ?
— Rohini Acharya (@RohiniAcharya2) December 16, 2021
IAS IPS judge doctor और धनवान लोग रात 10बजे दारू पियें और सरकार की शराब बंदी का मज़ा ले ये मंज़ूर नही होगा बिहार को
@NitishKumar इसपे संज्ञान ले और रात 10 बजे के बाद धनवान मंत्री IPS IAS जज सब के यहाँ raid डालें और शराबबंदी क़ानून लागू हो
मांझी ने कहा, "मैं फिर से बताना चाहता हूं कि राज्य पुलिस हमेशा शराब प्रतिबंध उल्लंघन के मामले में गरीब लोगों को गिरफ्तार करती है। आम तौर पर गरीब लोगों को उल्लंघन के नाम पर पीड़ित किया जाता है। इसमें एक भी आईएएस या आईपीएस अधिकारी को गिरफ्तार नहीं किया जाता है।"
उन्होंने कहा, "मैं हमेशा बिहार में शराबबंदी का समर्थन करता हूं, लेकिन मैं शराबबंदी कानून की समीक्षा की भी वकालत करता हूं। मैं नीतीश कुमार का असली दोस्त हूं। इसलिए, मैं उनके सामने वास्तविक मुद्दों की ओर इशारा करता हूं।"