पटना , (पंजाब केसरी): पूर्व केंद्रीय और पटना साहिब से सांसद रविशंकर प्रसाद ने जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ की गई टिप्पणी की घोर भर्त्सना की है।आजादी के बाद आजतक किसी ने भी प्रधानमंत्री के खिलाफ इस तरह की शर्मनाक सार्वजनिक टिप्पणी नहीं की है। ये देश के गरीबों और पिछड़ों का अपमान है और एक प्रकार से बिहार के लोगो का भी अपमान है जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के प्रति इतने सम्मान का भाव रखते है। ये ललन सिंह की घोर जातिवादी एवम सामंतवादी सोच का भी बहुत ही वीभत्स स्वरूप है।
नरेंद्र मोदी जी एक बहुत ही गरीब पिछड़े परिवार में पैदा हुए और अपने मेहनत लगन और ईमानदारी से गुजरात के सफल मुख्यमंत्री और लगभग 8 वर्षो से देश के सुयोग्य प्रधानमंत्री है जिनके सबका साथ,और सबका विकास की नीति और क्रियान्वयन की पूरी दुनिया में चर्चा होती है। कोरोनाकाल में जैसे उन्होंने गरीबों की विशेष चिंता की है उसकी चर्चा पूरे विश्व में है। उन्होंने भारत का मान पूरी दुनिया में बढ़ाया है और उनकी अगुवाई में भारत एक संबल,शशक्त और सुरक्षित देश के रूप में आगे बढ़ा है। देश की सुरक्षा के साथ ही सनातन संस्कृति को मजबूत करने में उनका योगदान देश को गौरव प्रदान करता है। भारत दुनिया की एक बड़ी आर्थिक ताकत बनकर उभरा है।
ऐसे यशस्वी प्रधानमंत्री पर गाली- गलौज की भाषा में बात करना,वो भी जदयू जैसे पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के द्वारा भारत के राजनीति में एक नई गिरावट का निकृष्ट उदाहरण है। नीतीश बाबू इसपर खामोश है। मैं ललन सिंह को बताना चाहूंगा की जब भी नेताओ ने प्रधानमंत्री पर अवमार्यदित टिप्पणी की तो नरेंद्र मोदी को देश की जनता ने और मजबूत किया है। श्रीमती सोनिया गांधी का ” मौत के सौदागर” नारे का हश्र क्या हुआ ये देश जानता है। 2019 में राहुल गांधी ने मोदी जी के खिलाफ ” चौकीदार चोर” ऐसी घटिया बात की थी तब देश की जनता ने कांग्रेस का ही सफाया कर दिया । राजद सहित और कई पार्टियों ने जो हल्की टिप्पणियां की उनको राजनीतिक हार का सामना करना पड़ा। अब ललन सिंह और उनकी पार्टी जदयू का भी यही हाल होने वाला है। बिहार की जनता आगामी लोकसभा और विधानसभा के चुनाव में बहुत ही प्रभावी जवाब देंगी।
प्रसाद ने ललन सिंह से एक सवाल विशेष कर पूछा की 2019 में मुंगेर लोकसभा से वे विजयी नीतीश कुमार के नाम पर हुए थे या नरेंद्र मोदी जी के नाम और काम पर हुए थे। 2014 में तो उनकी शर्मनाक हार हुई थी। नरेंद्र मोदी जी के सरकार पिछड़ों और अतिपिछड़ों के हित के लिए समर्पित है। ओबीसी कमीशन को संविधानिक दर्जा देने के आलावे इन वर्गों के लोगो के विकास के लिए और भी कई काम किए गए है। नरेंद्र मोदी जी ने देश में पहली बार आदिवासी समाज से आने वाली एक साधारण लेकिन योग्य श्रीमती द्रोपदी मुर्मू जी को देश का राष्ट्रपति बनाया। अगड़ी जाति के गरीब लोगो के लिए भी 10% आरक्षण किया गया। सबका साथ,सबका विकास का मंत्र नरेंद्र मोदी सरकार का संकल्प है।