बहुचर्चित चारा घोटाले मामले में सजायाफ्ता राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमों लालू प्रसाद यादव के जेल में रहने के बावजूद बिहार विधानसभा के एक सदस्य से बातचीत का ऑडियो वायरल होने के बाद गुरुवार को लालू यादव को झारखंड के रांची स्थित आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) निदेशक के केली बंगले से वापस रिम्स के पेइंग वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया।
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को आज अपराह्न बंगले से रिम्स के पेइंग वार्ड संख्या 11 में शिफ्ट किया गया। इस दौरान लालू यादव के चेहरे पर तनाव साफ तौर पर दिख रहा था। इससे पूर्व राजद अध्यक्ष और बिहार के एक विधायक से बातचीत का कथित ऑडियो वायरल होने के बाद एक और जहां जेल महानिरीक्षक (आईजी) की ओर से रिपोर्ट मांगी गई है वहीं, दूसरी ओर सचिवालय में आज गृह सचिव के अध्यक्षता में हुई बैठक में इस पूरे प्रकरण पर चर्चा हुई और जिला प्रशासन से विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है।
वहीं इससे पहले बिहार के पूर्व मंत्री और बिहार पार्षद नीरज कुमार, विधायक सिद्घार्थ पटेल एवं विधान पार्षद खालिद अनवर ने कहा कि चारा घोटाले में सजायाफ्ता कैदी लालू प्रसाद यादव द्वारा बिहार सरकार को अस्थिर करने के लिए जेल से भाजपा के विधायक को फोन और बार बार जेल मैन्युअल का उल्लंघन किया जा रहा है।
नीरज कुमार ने 24 नवंबर को सुशील मोदी के ट्वीट और 25 नवंबर को वायरल हुए लालू प्रसाद के फोन कल का ऑडियो वायरल होने का हवाला देते हुए कहा कि, “लालू प्रसाद आदतन अपराधी हैं।”पटना में पत्रकारों से चर्चा करते हुए पूर्व मंत्री नीरज कुमार ने कई दस्तावेजी सबूत, और मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर लालू प्रसाद के खिलाफ जेल मैन्युअल के नियम 999, 1001, 615, 625 और 627 के तहत कार्रवाई की मांग की है।
उन्होंने कहा कि, ‘झारखंड की राजद और कांग्रेस सरकार के संरक्षण में चारा घोटाले के सजायाफ्ता कैदी नंबर 3351 लालू प्रसाद जेल की जगह रिम्स निदेशक के बंगले में मौज कर रहे हैं।’नीरज ने सवाल उठाते हुए कहा, ‘लालू प्रसाद ने जिस इरफान नाम के शख्स के फोन से विधायकों से बात की, उसे सेवादार किसके कहने पर बहाल किया गया। आखिर उसे अब तक पकड़ा क्यों नहीं गया, जिससे पता चल सके कि लालू ने उसके मोबाइल से और कितने लोगों को धमकाया और लालच दिया।’
उन्होंने कहा कि, ‘लालू प्रसाद अवैध रुप से लोगों से मिलते हैं, ये बात 31 अगस्त 2020 को झारखंड के कारा महानिरीक्षक वीरेंद्र भूषण द्वारा रांची के उपायुक्त को लिखे पत्र से प्रमाणित हो चुकी है, फिर भी अब तक कोई सख्त कार्रवाई नहीं हुई।’