पटना : बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री एवं हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी ने जातिवार जनगणना की रिपोर्ट सार्वजनिक करने और सभी श्रेणियों का कोटा आबादी में उनके अनुपात के अनुरूप बढ़ाने की शनिवार को मांग की। मांझी ने आरक्षण की सीमा बढ़ा कर 90 - 95 प्रतिशत करने की भी मांग की। उन्होंने पूछा कि जातिवार जनगणना के आंकड़े सार्वजनिक करने में क्या समस्या है।
उसे सार्वजनिक किया जाए। सामान्य श्रेणी के गरीबों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण को संसद द्वारा मंजूरी देने से जुड़े एक सवाल के जवाब में मांझी ने कहा, ‘‘मैं कोटा (सामान्य श्रेणी को 10 प्रतिशत) देने के फैसले के खिलाफ नहीं हूं। मेरा कहना है कि समुदायों (ओबीसी, ईबीसी, एससी और एसटी) को आरक्षण में उनका हिस्सा उनके अधिकार के तौर पर दिया जाए।’’
उन्होंने कहा कि आरक्षण को 50 प्रतिशत से आगे नहीं बढ़ाए जाने की सीमा के बहाने उन्हें (इन समुदायों को) उनके अधिकारों से वंचित कर दिया गया है...आबादी में 54 फीसदी की हिस्सेदारी रखने वाले ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) को 27 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है, जबकि आबादी में अनुसूचित जाति (एससी) की 30 प्रतिशत हिस्सेदारी रहने के बावजूद उसे 15 प्रतिशत आरक्षण मिल रहा है।
मांझी ने कहा कि जब आप (केंद्र) ने आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत से बढा कर 60 प्रतिशत कर ही दिया है, फिर आप (केंद्र) को इसे बढ़ा कर 90 - 95 प्रतिशत करना चाहिए ताकि हर समुदाय को उसकी आबादी के अनुरूप आरक्षण का उचित लाभ मिल सके। आगामी लोकसभा चुनाव के लिए उत्तर प्रदेश में सपा - बसपा गठबंधन में कांग्रेस को शामिल नहीं किए जाने के बारे में टिप्पणी करने को कहे जाने पर उन्होंने कहा कि यदि वे (सपा- बसपा) उप्र में कांग्रेस की अनदेखी करते हैं तो उन्हें नुकसान का सामना करना पड़ेगा क्योंकि भाजपा इसका फायदा उठा सकती है।