बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के 2 घटक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और हिंदुस्तान आवाम मोर्चा (हम) में टकराव लगतार जारी है। इस बीच बीजेपी नेता नीरज सिंह बबलू के एक बयान के बाद जीतन राम मांझी ने नीतीश सरकार गिराने की धमकी दी है। जिसके बाद बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने बीच बचाव करते हुए मोर्चा संभाला और मांझी को एनडीए का वरिष्ठ नेता बताते हुए उनके खिलाफ बयानबाजी बंद करने की नसीहत दी है।
सुशील मोदी कर रहे डैमेज कंट्रोल की कोशिश
सुशील मोदी ने यह भी कहा कि मांझी अपने बयान को लेकर माफी मांग चुके हैं और ब्राह्मणों को भोज भी दे चुके हैं। इसलिए यह अध्याय यहीं बंद हो जाना चाहिए। बता दें कि डिप्टी सीएम सुशील मोदी दोनों पार्टियों के बीच बढ़ रहे मन-मुटाव को खत्म करने और डैमेज कंट्रोल की कोशिश में जुटे हुए हैं। बता दें कि इस मामले की शुरुआत मांझी की ब्राह्मणों के खिलाफ अभद्र टिप्पणी के साथ ही हुई। हालांकि, बाद में मांझी ने ब्राह्मण भोज का आयोजन भी किया। लेकिन बीजेपी नेता इस कदर तिलमिला उठे कि मांझी के खिलाफ जमकर बयानबाजी करने लगे।
BJP नेता ने मांझी को सन्यास लेने की सलाह
इस जुबानीजंग में बीजेपी नेता गजेंद्र झा ने तो मांझी की जुबान काटने वाले के लिए 11 लाख रुपए इनाम की भी घोषणा कर दी थी। हालांकि, पार्टी ने झा पर कार्रवाई करते हुए उन्हें निलंबित कर दिया था। अपनी गलती सुधरने की कोशिश में मांझी ने ब्राह्मणों के लिए भोज आयोजित किया। वहीं नीरज सिंह बबलू ने मांझी पर निशाना साधते हुए उन्हें राजनीति से सन्यास लेने की सलाह दे डाली और कहा की मांझी को इस उम्र में इस तरह के बयान नहीं देने चाहिए।