पटना ,(पंजाब केसरी) : कांग्रेस नेत्री मंजुबाला पाठक ने कहा कि बिहार में विगत दिनों बाढ़ ऑर अत्यधिक वर्षा से लाखों एकड़ फसल किसानों का बर्बाद हुआ। बिहार में वैसे ही किसानों की स्थिति बहुत ही दयनीय हैं। किसानों को सरकार ऑर किसी संगठनों से कोई उचित मदद नहीं मिलता।किसानों का फसलों की बीमा कवरेज पूरा नहीं होता ।उनको सस्ते दर पर बीज ऑर खाद नहीं मिलती। किसान के फसलों का उचित मूल्य नहीं मिलता।पिछले महीनों में चंपारण के किसानों को यूरिया खाद की बहुत किल्लत हुई थी। यूरिया की कालाबाजारी के चलते किसानों को यूरिया आसानी से मिलती नहीं थी ऑर कहीं मिलती थी तो वो काफी महंगी। जिस मुद्दे को हमने राज्य स्तर पर उठाया था ऑर वरीय पदाधिकरियों से हमलोगों ने बात किया था फलस्वरूप यूरिया की रैक अगस्त में अंतिम सप्ताह में लगा था। आज किसानों के घर पैसे नहीं है कि उनकी जरूरी आवश्यकता पूरी हो सकें।
मंजुबाला पाठक ने कहा किसान के बच्चों के पास ऑनलाइन शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रचुर मात्रा में सक्षम तकनीकी सुविधा नहीं हैं। किसानों की आबादी जहां ज्यादा है वहां अच्छी सड़के नहीं होने की वजह से शहर से संपर्क सुगम नहीं हैं। फलस्वरूप किसानों को व्यवसाय ऑर खरीद फरोख्त करने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। किसानों को फसलों के सिचाइं के लिए खेतों में उचित मात्रा में नहर या कोई अन्य माध्यम का पानी संसाधनों के अभाव में नहीं पहुंच पाता है । वैसे भी भारत कृषि प्रधान देश है। यहां की अधिकाश जनसंख्या खेती पे निर्भर हैं।
कांग्रेस नेत्री ने कहा कोरोना काल में देश की रफ्तार को केवल किसानों ने रोकी है ऑर अधिकाश जनसंख्या खेती किसानी पे निर्भर हैं।तो सरकार का ये फर्ज है कि वो किसानों की समस्याओं का ध्यान दे ऑर उनकी आवश्यकता को प्रोएक्टिव तरीके से पूर्ति करें। चंपारण में जैसे यूरिया की समस्या थी वो बहुत ही भयावह थी।किसानों ने अपनी सम्पूर्ण जीवन ऑर ऊर्जा इस देश ऑर राज्य की सेवा में लगा दिया ।एक लोकतंत्र के रक्षक होने के नाते सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि चंपारण ऑर बिहार के किसानों के फसलों का हुए नुकसान की क्षतिपूर्ती सरकार किसानों को दें। मैं मंजुबाला पाठक ये बिहार सरकार से मांग करती हूं कि सरकार किसानों के फसलों के नुकसान का उचित सर्वे कराए ऑर उन्हें तत्काल मुआवजा दें।