फर्जी जज के झांसे में आने वाले पूर्व डीजीपी एसके सिंघल पर नीतीश सरकार मेहरबान दिख रही है।बिहार सरकार ने एसके सिंघल को नए साल में बड़े पद का तोहफा दिया है। एसके सिंघल केंद्रीय चयन पर्षद के नए अध्यक्ष होंगे। इसके लिए गृह विभाग ने शनिवार को एक अधिसूचना जारी की है। अभी पर्षद के वर्तमान अध्यक्ष केएस द्विवेदी हैं। उनका कार्यकाल 20 जनवरी 2023 को समाप्त हो रहा है। केएस द्विवेदी के कार्यकाल समाप्त होने के बाद एसके सिंघल पर्षद के नए अध्यक्ष होंगे। सिंघल अपने नए पद की जिम्मेदारी 21 जनवरी 2023 से संभालेंगे।
सिंघल को कई बार किए भर्जी कॉल
बीते साल एसके सिंघल काफी सुर्खियों में रहे थे । दरअसल, एक जालसाज अभिषेक अग्रवाल ने हाईकोर्ट का फर्जी चीफ जस्टिस बन पूर्व डीजीपी एसके सिंघल को कई बार कॉल किया था । मुद्दा आईपीएस आदित्य कुमार से जुड़ा हुआ था। इस मामले में पैरवी के लिए अभिषेक अग्रवाल लगातार डीजीपी पर अपनी ओर से दबाव बना रहा था। हालांकि, बाद में पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था।
एसके सिंघल 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी
वर्तमान अध्यक्ष केएस द्विवेदी को बिहार सरकार की ओर से छह महीने का अवधि विस्तार दिया गया था। लेकिन, अब उनका कार्यकाल समाप्त हो रहा है। बताया जा रहा है कि बिहार सरकार की ओर से अगले तीन वर्षों के लिए एसके सिंघल को चयन पर्षद का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। एसके सिंघल 1988 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं।
पंजाब के जालंधर छावनी के रहनेवाले
वह पंजाब के जालंधर छावनी के रहनेवाले हैं। उन्होंने अपनी पढ़ाई जालंधर से ही की है। जालंधर के डीएवी कॉलेज से सिंघल ने स्नातक की डिग्री हासिल की है। बताया जाता है कि उनकी हमेशा से गणित विषय में काफी रुचि रही। गणित ऑनर्स में उन्हें गोल्ड मेडल भी मिल चुका है। सिंघल ने गणित विषय में ही स्नातकोत्तर किया है।
नीतीश कुमार के चहेते अफसरों में से एक हैं सिंघल
एसके सिंघल बिहार में पुलिस सेवा में रहते हुए दानापुर के एएसपी भी रह चुके हैं। इसके अलावा वह नालंदा, सीवान और कैमूर में बतौर एसपी अपनी सेवाएं दे चुके हैं। ऐसा कहा जाता है कि वह बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के चहेते अफसरों में से एक हैं।