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जीतन राम मांझी को नितीश का पहला तोहफा, पासवान से बेहतर मिली सुरक्षा

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिन्दुस्तान आवामी मोर्चा (हम) के अध्यक्ष जीतन राम मांझी को एनडीए में आने का पहला फायदा पहुंचाया गया है। बिहार सरकार की अनुंशसा पर मांझी की सुरक्षा का स्तर बढ़ा दिया गया है। जीतन राम मांझी को Z+ श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की गई है

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिन्दुस्तान आवामी मोर्चा (हम) के अध्यक्ष जीतन राम मांझी को एनडीए में आने का पहला फायदा पहुंचाया गया है। बिहार सरकार की अनुंशसा पर मांझी की सुरक्षा का स्तर बढ़ा दिया गया है। जीतन राम मांझी को Z+ श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की गई है। नीतीश कुमार के साथ आने का मांझी को पहला बड़ा फायदा दिया गया है। यहां गौर करने वाली बात यह है कि मांझी की सुरक्षा केंद्रीय मंत्री, एलजेपी के वरिष्ठ नेता और राज्य में दलित राजनीति के प्रमुख चेहरा रामविलास पासवान से बेहतर हो गई है। रामविलास पासवान को Z श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई है।
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बिहार के राज्यपाल को Z+ और ASL प्रोटेक्टी सुरक्षा मिली हुई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी Z+ और ASL प्रोटेक्टी सुरक्षा मिली हुई है। बिहार में जीतन राम मांझी से पहले पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव और राबड़ी को Z+ कैटेगरी की सुरक्षा मिली हुई है। डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी को भी Z श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई है। जेडीयू के सांसद और सीएम नीतीश के करीबी ललन सिंह और बीजेपी प्रवक्ता सैयद शहनवाज हुसैन को भी Z कैटेगरी की सुरक्षा मिली हुई है।
हाल के दिनों में एलजेपी प्रमुख चिराग पासवान लगातार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर आक्रामक हैं। वे लगातार कह रहे हैं कि सीएम नीतीश के खिलाफ जबरदस्त एंटी इनकंबेंसी है। इसी बीच सीएम नीतीश के इशारे पर जीतन राम मांझी की एनडीए में वापसी होती है। मांझी की वापसी पर राजनीतिक गलियारे में चर्चा है कि सीएम नीतीश मांझी के जरिए गठबंधन के साथ दलित वोटबैंक को बनाए रखने की कोशिश की है।
एनडीए ज्वाइन करने के साथ ही मांझी ने रामविलास पासवान और उनके बेटे चिराग पासवान पर आक्रमण किए थे, जिससे इस अनुमान को और बल मिलता दिख रहा था। अब राज्य सरकार ने मांझी की सुरक्षा रामविलास पासवान से बेहतर करके क्या संदेश देने की कोशिश कर रही है। यहां बता दें कि राजनीति संकेतों का खेल है। क्योंकि चिराग पासवान की नाराजगी के सवाल पर सीएम नीतीश पत्रकारों से कह चुके हैं कि यह बड़ी बात नहीं है। यानी साफ संकेत है कि सीएम नीतीश एलजेपी या रामविलास पासवान की फैमिली को ज्यादा तवज्जो देने के मूड में नहीं हैं। इसकी शुरुआत जीतन राम मांझी की सुरक्षा स्तर बढ़ाए जाने से माना जा सकता है।
JIBRAN 

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