पटना, (जे.पी.चौधरी) : जदयू के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) व राज्यसभा में दल के नेता आरसीपी सिंह ने आज गूगल मीट एवं फेसबुक लाइव के माध्यम से कुल पांच पालियों में जदयू के पांच प्रकोष्ठों से संवाद किया। ये पांच प्रकोष्ठ हैं – जदयू बुनकर प्रकोष्ठ, जदयू जलश्रमिक प्रकोष्ठ, जदयू सहकारिता प्रकोष्ठ, जदयू दलित प्रकोष्ठ एवं जदयू आदिवासी प्रकोष्ठ। बुनकर प्रकोष्ठ के साथ संवाद के दौरान प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष राजेश पाल के साथ ही नरेश कुमार, कमर आलम एवं जीशान अली मौजूद रहे।
जलश्रमिक प्रकोष्ठ के साथ संवाद के दौरान प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष सुनील भारती मौजूद रहे। सहकारिता प्रकोष्ठ के साथ संवाद के दौरान प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष पप्पू सिंह निषाद मौजूद रहे। दलित प्रकोष्ठ के संवाद के दौरान प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. रामप्रवेश पासवान एवं उपाध्यक्ष सुश्री विनीता स्टेफी पासवान मौजूद रहे। वहीं, आदिवासी प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष जगजीवन नायक गूगल मीट के माध्यम से जुड़े। जदयू मीडिया सेल के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अमरदीप सभी पालियों में संवाद के दौरान उपस्थित रहे।
बुनकर प्रकोष्ठ के साथ संवाद के दौरान आरसीपी सिंह ने कहा कि इस क्षेत्र में रोजगार की असीम संभावनाएं हैं और बड़ी बात यह कि यह रोजगार आपके दरवाजे से संभव है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विभिन्न योजनाओं के माध्यम से बुनकरों के सर्वांगीण विकास के लिए संकल्पित हैं। उनकी सोच है कि ज्यादा से ज्यादा स्वरोजगार को बढ़ावा दें। आप कहीं नौकरी मांगने नहीं जाएं, बल्कि नौकरी देने की स्थिति में हों। आज बिहार की उद्यमी योजना जैसी योजना देश में कहीं नहीं है। जलश्रमिक प्रकोष्ठ के साथ संवाद के दौरान आरसीपी सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अतिपिछड़ा समाज का न केवल सशक्तिकरण किया बल्कि इस समाज में नेतृत्व उभारने की भी कोशिश की। उनके इन प्रयासों की बदौलत आज जलश्रमिक समाज में नेतृत्व करने वालों की कमी नहीं।
उन्होंने मानव संसाधन के विकास के साथ-साथ जल संसाधन पर भी लगातार ध्यान दिया है। जल से जुड़े रोजगार के अवसर कैसे बढ़ें, उन्होंने इस दिशा में लगातार काम किया है। सहकारिता प्रकोष्ठ के साथ संवाद के दौरान आरसीपी सिंह ने कहा कि 15 साल पहले सहकारिता को लेकर न कोई सोच थी, न ही कोई कार्ययोजना, जबकि श्री नीतीश कुमार सहकारिता को लेकर विशाल विजन रखते हैं। वर्तमान में इसके लिए 1168 करोड़ का बजट है। हमारे लोग मेहनत पहले भी करते थे लेकिन मार्केटिंग में पीछे रह जाने के कारण उन्हें सही लाभ नहीं मिल पाता था। सहकारिता के क्षेत्र में विकास होने से यह समस्या दूर हो गई है।
दलित प्रकोष्ठ के साथ संवाद के दौरान उन्होंने कहा कि पति-पत्नी के राज में 118 नरसंहार हुए क्योंकि समाज में तनाव था, गैरबराबरी थी। नीतीश कुमार ने पंचायती राज में आरक्षण देकर इस तनाव को दूर किया। बाबासाहेब ने संसद और सरकारी नौकरियों में आरक्षण की व्यवस्था की, नीतीश कुमार ने उसे पंचायतों तक पहुंचा दिया। इसी तरह बाबासाहेब ने नारा दिया शिक्षित बनो और नीतीश कुमार ने बिहार में शिक्षा को समाज के अंतिम दरवाजे तक पहुंचा दिया। आदिवासी प्रकोष्ठ के साथ संवाद के दौरान आरसीपी सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस समाज के हितों की लगातार चिन्ता की है।
सदियों से हाशिए पर खड़े इस समाज को मुख्यधारा में लाकर इसके सर्वांगीण विकास की उन्होंने हरसंभव कोशिश की है। सभी प्रकोष्ठों के साथ संवाद के दौरान आरसीपी सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की 7 अगस्त को होने वाली वर्चुअल रैली को ऐतिहासिक बनाने तथा 9 अगस्त को पृथ्वी दिवस के दिन 2.51 करोड़ वृक्ष लगाने के उनके संकल्प को पूरा करने में योगदान करने की अपील की। सभी प्रकोष्ठों से उन्होंने कहा कि कोरोना को लेकर सजग और सतर्क रहें तथा सोशल मीडिया पर अपनी सक्रियता बढ़ाएं।
सभी प्रकोष्ठ अध्यक्षों को उन्होंने निर्देश दिया कि बिहार के सभी 243 विधानसभा क्षेत्रों में 35 से 50 समर्पित साथियों का चयन करें जो हमारे नेता के कार्यों को नीचे तक पहुंचाएं। उन्होंने कहा कि बिहार को विकसित प्रदेश बनाने का अपने नेता के संकल्प को पूरा करने में पूरी ताकत से लग जाएं। साथ ही उन्होंने 18 जुलाई से शुरू होने जा रहे विधानसभावार सम्मेलन को सफल बनाने की भी अपील की।