बिहार के सीएम नीतीश कुमार इन दिनों समाधान यात्रा में काफी वयस्त है जहां वह जनता के बीच जाकर वहां के लोगों की समस्याओं को सुन रहें हैं और इस बीच उनके समाधान यात्रा में बवाल हो गया। जहां कटिहार में मुख्यमंत्री से नहीं मिलने दिए जाने से नाराज लोगों ने सड़क पर आगजनी और हंगामा कर दिया। यहां के लोगों ने नीतीश कुमार पर आरोप लगाते हुए कहा कि नीतीश कुमार हम लोगों से नहीं मिले जिससे की हम उन्हें अपनी समस्या को सुना सकें। बता दें कि इससे कुछ दिन पहले नीतीश कुमार को सारण जिले में एक युवक ने काले झंडे दिखाए थे। तब नीतीश कुमार अपने कार्यक्रम को खत्म करके पटना लौट रहे थे तभी शहर के जोगनिया कोठी के पास एक युवक ने नीतीश को काला झंडा दिखाया। युवक नीतीश के काफिले की गाड़ी के सामने खड़ा हो गया और जसी ही युवक ने नीतीश को काला झंडा दिखाया, वहां मौजूद पुलिस प्रशासन के हाथ पैर फूल गए और पुलिसकर्मियों ने युवक को हिरासत में ले लिया।
यात्रा 7 फरवरी तक चलेगी समाधान यात्रा
7 फरवरी तक चलेगी यात्रा नीतीश कुमार की समाधान यात्रा 7 फरवरी तक चलेगी। यात्रा की शुरुआत पश्चिमी चंपारण से 5 जनवरी को हुई थी। यात्रा के दौरान नीतीश केवल जिले के अधिकारियों के साथ आंतरिक बैठक कर रहे हैं और विकास कार्यों की समीक्षा कर रहे हैं। यात्रा पश्चिम चंपारण से शुरू होकर छह जनवरी को शिवहर और सीतामढ़ी, उसके बाद 7 जनवरी को वैशाली, 8 जनवरी को सिवान, 9 जनवरी को छपरा, 11 जनवरी को मधुबनी, 12 जनवरी को दरभंगा, 17 जनवरी को सुपौल, 18 जनवरी को सहरसा, 19 जनवरी को अररिया, 20 जनवरी को किशनगंज, 21 जनवरी को कटिहार, 22 जनवरी को खगड़िया, 28 जनवरी को बांका और 29 जनवरी को मुंगेर, लखीसराय और शेखपुरा पहुंची।
प्रशांत किशोर ने साधा नीतीश कुमार पर निशाना
प्रशांत किशोर ने साधा था निशाना बता दें कि राजनीतिक रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार की ‘समाधान यात्रा’ को लेकर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि ये लोगों को मूर्ख बनाने का प्रयास है और कार्यक्रमों में ‘पसंदीदा मंत्रियों और नौकरशाहों’ की बैठकों की अध्यक्षता करने से लोगों की समस्याओं का समाधान नहीं होगा। यह समाधान यात्रा उनकी (सीएम) 14वीं यात्रा है, लेकिन राज्य में कुछ भी नहीं बदला है। यह यात्रा सिर्फ लोगों को बेवकूफ बनाने की कोशिश है।