पटना : मुजफ्फरपुर घटना का मुख्य वजह डॉक्टरों की कमी। नीतीश सरकार का 15 साल हो गया। मगर आज भी हजारों की संख्या में स्वास्थ्य विभाग में डॉक्टरों की कमी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घोषणाएं की है कि स्वास्थ्य सेवा में सुधार किया जायेगा, लेकिन जब 15 सालों में नहीं हुआ तो अब क्या होगा? नीतीश कुमार से बिहार संभल नहीं रहा है और जितने भी बच्चे मरे हैं उसके लिए खुद नीतीश जी जिम्मेवार हैं। अब उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए। ये बातें राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के सप्रीमो उपेन्द्र कुशवाहा ने प्रेसवार्ता में कही।
श्री कुशवाहा ने कहा कि चार से पांच साल तक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्वास्थ्य विभाग में अरबो-खरबो रुपया आया, मगर स्वास्थ्य क्षेत्र में कोई ठोस काम नहीं किया। जबकि प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग की संख्या 2012 में जिला अस्पताल 36, रेफरल अस्पताल 70, अनुमंडलीय अस्पताल 55 है जहां प्राथमिकी स्वास्थ्य केन्द्रों में 533, उपकेन्द्र में 9696, अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में 1333 कुल 11 हजार 559 डॉक्टरों की कमी है।
2013 में 1159, 2014-15-16 में 11612, 2017 में 11848, 2018 में 11861 डॉक्टरों की कमी है। डॉक्टरों का खाली पद 3314 एवं कार्यरत 533। ग्रेड-ए नर्स, स्वीकृत पद 1719, कार्य कर ने वाले 412 है। एएनएम स्वीकृत पद 12587 तथा कार्यरत 6867, आशा स्वीकृत पद 93687 कार्यरत 87420, यह मेरा रिपोर्ट नहीं बल्कि राज्य स्वास्थ्य समिति का रिपोर्ट है।
श्री कुशवाहा ने कहा कि 2019 के चुनाव में जितने के लिए कहता था मोदी है तो मुमकीन है मगर आज तक देश के प्रधानमंत्री मुजफ्फरपुर के बच्चों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दिया। आज लगभग 15 दिन हो रहा है केन्द्र सरकार की ओर से न प्रधानमंत्री और न गृह मंत्री अमित शाह भी आये। इतने बच्चों के बली चढ़ जाने के बावजूद भी कोई प्रतिक्रिया व्यक्त किया। जब स्वास्थ्य और शिक्षा के लिए अरबो-खरबो रुपया नीतीश सरकार में आ रहा है तो गरीब का सरकारी अस्पताल क्यों नहीं ठीक करते। संवाददाता सम्मेलन में भूदेव चौधरी, फैजल इमाम मल्लिक, राजेश यादव, सत्यानंद प्रसाद दांगी, रेखा गुप्ता, भोला शर्मा समेत अन्य उपस्थित थे।