बिहार में नई सरकार के साथ मुख्यमंत्री चेहरे के अलावा सब बदल गया है। राज्य में जेडीयू-आरजेडी और कांग्रेस ने मिलकर नई सरकार बनाई है। नीतीश कुमार ने एक बार फिर मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली। आठवीं बार सीएम पद की शपथ लेते ही मीडिया से रूबरू होते हुए नीतीश कुमार के तेवर बीजेपी के खिलाफ नजर आए।
शपथ ग्रहण के बाद नीतीश कुमार ने मीडिया से बातचीत में बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘उनकी तरफ से जदयू को हराने की कोशिश हुई। हम तो मुख्यमंत्री बनना भी नहीं चाहते थे। दबाव बनाया गया…क्या-क्या हुआ वो आप लोग देख रहे थे।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या वह अगले लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे तो उन्होंने कहा, ‘‘मेरी कोई दावेदारी नहीं है।’’
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इस प्रश्न पर कि क्या वह देश में अब विपक्ष की राजनीति को मजबूत करेंगे, नीतीश ने कहा, ‘‘पूरे तौर पर करेंगे। एक बार पहले भी किया था। हम चाहेंगे कि सभी लोग मिलकर पूरी तरह से मजबूत हों… कुछ लोगों को लगता है कि विपक्ष खत्म हो जाएगा तो हमलोग भी अब आ ही गए हैं विपक्ष में ।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जिनको 2014 में (जीत) मिली, अब उन्हें 2024 के बारे में चिंता करनी चाहिए।’’
मुख्यमंत्री ने बीजेपी निशाना साधते हुए कहा, ‘‘जो लोग 2014 में आए, वे 2024 के आगे रह पाएंगे या नहीं ?’’ यह पूछे जाने पर कि अटल बिहारी वाजपेयी और नरेंद्र मोदी में क्या अंतर है, उन्होंने कहा, ‘‘श्रद्धेय अटल जी और उस समय के अन्य लोग कितना प्रेम करते थे, वह कभी हम भूल सकते हैं क्या? उस समय की बात अलग थी।’’
अपने पूर्व सहयोगी आरसीपी सिंह का नाम लिए बगैर पर उन पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा, ‘‘एक आदमी को जिम्मा दे दिए। उस आदमी से पूछिए। वह पार्टी के साथ रहने की बजाय कहीं और चले गए।’’