केंद्रीय मंत्रिमंडल में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के घटक जनता दल यूनाइटेड (जदयू) के सांकेतिक भागीदारी से इनकार करने के बाद महागठबंधन ने जदयू पर डोरे डालने शुरू कर दिए हैं।
बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार अपने धुर विरोधी महागठबंधन के घटक हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की ओर से उनके सरकारी आवास पर आयोजित दावत-ए-इफ्तार में शरीक हुए। इसके बाद नीतीश कुमार ने मांझी को गले लगाया।
इससे पूर्व माझी रविवार को जदयू की इफ्तार पार्टी में शामिल हुए थे, जहां नीतीश कुमार और मांझी को लंबे समय के बाद एक साथ किसी कार्यक्रम में देखा गया। मांझी ने मुख्यमंत्री नीतीश से गले मिलने के बाद कहा कि राजनीति में न तो कभी कोई दोस्त होता है और ना कभी कोई दुश्मन। राजनीति में हमेशा विकल्प खुला होता है। उन्होंने कहा कि यदि नीतीश कुमार महागठबंधन के साथ आते हैं तो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को भगाने में काफी मदद मिलेगी। आगे कभी भी कुछ भी हो सकता है।
इस बीच राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह ने भाजपा के खिलाफ सभी पार्टियों को एकजुट होने पर बल दिया और कहां की मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अब महागठबंधन में शामिल हो जाना चाहिए। सभी गैर भाजपा दलों को एक साथ आना चाहिए।
उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि सभी को भाजपा के खिलाफ एक साथ आना चाहिए। वहीं, जदयू के प्रवक्ता और सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री नीरज कुमार ने कहा कि राजद नेता रघुवंश प्रसाद सिंह की बात को उनकी पार्टी में कोई सुनता ही नहीं है। उन्होंने राजग में दरार होने से इनकार करते हुए कहा कि राजग में दरार नहीं करार है।