किसानों के मुद्दे पर पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने CM नीतीश को पत्र लिखकर दिखाया आईना, दी चुनाव लड़ने की चुनौती - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

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किसानों के मुद्दे पर पूर्व कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने CM नीतीश को पत्र लिखकर दिखाया आईना, दी चुनाव लड़ने की चुनौती

पूर्व कृषि मंत्री और राजद विधायक सुधाकर सिंह ने शनिवार को नीतीश कुमार को पत्र लिखकर सियासी हमला बोलते हुए किसानों के लिए किए गए कार्यों पर आईना दिखाया। उन्होंने मुख्यमंत्री को अगले चुनाव में कहीं से भी चुनाव लड़ने की भी चुनौती दी।

पूर्व कृषि मंत्री और राजद विधायक सुधाकर सिंह ने शनिवार को नीतीश कुमार को पत्र लिखकर सियासी हमला बोलते हुए किसानों के लिए किए गए कार्यों पर आईना दिखाया। उन्होंने मुख्यमंत्री को अगले चुनाव में कहीं से भी चुनाव लड़ने की भी चुनौती दी। सिंह ने अपने पत्र में लिखा है कि किसानों के मुद्दे पर उठाए जा रहे सवालों पर शुक्रवार को आपके द्वारा दिए गए वक्तव्यों की जानकारी मिली।
किसानों की आमदनी बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया था
पत्र में नसीहत देते हुए उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के मुखिया का दायित्व होता है कम से कम बुनियादी स्तर की ईमानदारी और राज्य के लोगों के प्रति कर्तव्यनिष्ठा रखना जाए, लेकिन आपके राजनीतिक जीवन में कर्तव्यनिष्ठा और ईमानदारी का कोई अस्तित्व ही नहीं है। सिंह ने कहा कि दूसरे और तीसरे कृषि रोड मैप में बिहार के किसानों की आमदनी बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया था।
24 मार्च 2022 को संसदीय समिति द्वारा संसद में पेश किये गए एक रिपोर्ट के अनुसार सबसे ज्यादा कमाई मेघालय के किसानों की है । यहां के किसान हर महीने औसतन 29,348 रुपये कमाते है। वहीं पंजाब के किसान हर महीने 26,701 रुपए कमाते हैं। लेकिन बिहार के किसान परिवारों की औसत मासिक आय देश के 27 राज्यों की तुलना में सबसे निचले स्तर पर है और बिहार का प्रत्येक किसान परिवार हर महीने औसतन 7,542 रुपए कमाता है।
उन्होंने कहा, पंजाब में धान की बिक्री औसत 2300 रुपये प्रति क्विंटल है, वहीं बिहार में धान की बिक्री औसत 1600 रुपये प्रति क्विटल है। बिहार राज्य की जीडीपी में कृषि का योगदान लगभग 18-19 फीसद है। लेकिन कृषि का अपना ग्रोथ रेट लगातार कम हुआ है। 
किसानों को उचित मुआवजा नहीं दे रही है सरकार 
साल 2005-2010 के बीच ये ग्रोथ रेट 5.4 फीसदी था 2010-14 के बीच 3.7 फीसदी हुआ और अब 1-2 फीसदी के बीच है। उन्होंने कहा कि अगर असल विकास दर के हिसाब से देखें तो यह ग्रोथ रेट निगेटिव में है। उन्होंने कहा कि 2012 में जब दूसरा कृषि रोड मैप लागू किया गया था, बिहार में कुल खाद्यान्न उत्पादन 177.8 लाख टन था, जबकि 2022 में यह 176.02 लाख टन है, जो की दस सालो के बाद एक लाख टन कम है। 
उन्होंने यह भी कहा कि बिहार में कई परियोजनाओं के लिए किसानों की जमीन सरकार द्वारा खरीदा जा रहा है, पर सरकार किसानों को उचित मुआवजा नहीं दे रही है। सिंह ने पत्र में स्वीकार करते हुए कहा कि आपकी एक बात से सहमत हूं कि जनता मालिक है। 
राजद नेता ने नीतीश कुमार को चुनौती देते हुए कहा कि अगामी चुनावों में अपने पसंद का कोई भी क्षेत्र चुन लीजियेगा, जनता पुष्टि भी कर देगी कि बिहार के लोगों का आपसे भरोसा उठ चुका है और जनता वाकई मालिक है। राजद विधायक ने पत्र के अंत में खुद को सबसे कम जानकारी वाला विधायक बताया है।

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