पटना के गांधी मैदान में साल 2013 में प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार रहे नरेंद्र मोदी की हुंकार रैली के दौरान हुए सीरियल ब्लास्ट के 10 आरोपियों में से 9 को दोषी करार दिया गया है। वहीं सबूतों के अभाव में एक आरोपी को बरी कर दिया गया है। एनआईए कोर्ट ने दोषी की सजा पर फैसला सुनाने के लिए 1 नवम्बर की तारीख तय की है।
आठ साल पहले आज ही के दिन गांधी मैदान में नरेंद्र मोदी की रैली के दौरान जोरदार धमाका हुआ था। 27 अक्टूबर, 2013 को हुए सिलसिलेवार विस्फोटों में छह लोगों की मौत हो गई थी और 90 से अधिक घायल हुए थे। मृतकों को मिले इन्साफ के बाद आज उनके परिवार को राहत की सांस मिली है।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने महज एक साल के अंदर 21 अगस्त 2014 को कुल 11 आरोपियों हैदर अली उर्फ ब्लैक ब्यूटी, नोमान अंसारी, मो. मुजिबुल्लाह अंसारी, मो. इम्तियाज आलम, अहमद हुसैन, फकरुद्दीन, मो. फिरोज असलम, इम्तियाज अंसारी, मो. इफ्तिकार आलम, अजहरुद्दीन कुरैसी और एक नाबालिग के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी।
गांधी मैदान ब्लास्ट केस में बेऊर जेल में बंद 10 में से 5 आरोपियों को बोध गया ब्लास्ट मामले में भी उम्रकैद की सजा सुनाई जा चुकी है। गांधी मैदान ब्लास्ट मामले में सभी पक्षों की गवाही के बाद एनआईए कोर्ट ने फैसला सुनाने के लिए 27 अक्टूबर की तिथि निर्धारित की थी। =