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बिहार में 107 बच्चों की मौत, मुजफ्फरपुर में लोगों ने CM नीतीश के विरोध में लगाए नारे

एईएस के लिए लीची में मौजूद टॉक्सिन्स (विषैले तत्वों) को भी जिम्मेदार माना जा रहा है। अस्पताल में अभी 330 बच्चों का इलाज चल रहा है।

बिहार में चमकी बुखार (एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम) से मचे हाहकार से मरने वालों की संख्या का आंकड़ा 107 तक पहुंच चूका है। वहीं अस्पतालों में भर्ती बीमार बच्चों की संख्या बढ़कर 414 पहुंच चुकी है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अस्पताल में भर्ती बच्चों का हाल जानने के लिए मुजफ्फरपुर पहुंचे है। जहां उनके विरोध में नारे लगे। नीतीश के विरोध में स्थानीय लोगों ने श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के बाहर धरना दिया।
जिला के स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के साथ नीतीश कुमार ने सरकारी श्री कृष्णा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसकेएमसीएच) का दौरा किया, जहां उन्होंने अपना इलाज करा रहे बच्चों और उनके परिजनों से मुलाकात की। मुजफ्फरपुर में एन्सेफलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) के कारण श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 88 और केजरीवाल अस्पताल में 19 बच्चों को भर्ती कराया गया है। चमकी बुखार लगतार बच्चों को अपना शिकार बना रहा है। 
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मुजफ्फरपुर के श्री कृष्ण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के अधीक्षक सुनील कुमार शाही ने कहा, अब तक, 88 मौतें हुई हैं। 330 बच्चों को भर्ती कराया गया था, जिनमें से 100 को छुट्टी दे दी गई और 45 लोगों को आज छुट्टी दे दी जाएगी।
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वहीं इस सबसे प्रशासन बेखबर नजर आ रहा है। अधिकारियों का कहना है कि जिन बच्चों की मौत हुई है, उनमें लगभग सभी 10 वर्ष से नीचे के हैं। एईएस के लिए लीची में मौजूद टॉक्सिन्स (विषैले तत्वों) को भी जिम्मेदार माना जा रहा है। अस्पताल में अभी 330 बच्चों का इलाज चल रहा है। वहीं, 100 बच्चों को डिस्चार्ज किया जा चुका है। बिहार में चमकी बुखार से मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है।

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