विधानसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार को बड़ी-बड़ी सौगात दे रहे हैं। सोमवार को प्रधानमंत्री ने राज्य की 14,258 करोड़ रुपये की लागत से तैयार होने वाली नौ राजमार्ग परियोजनाओं का शिलान्यास किया। इसके साथ ही उन्होंने बिहार के 46 हजार गांवों को ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क से जोड़ने के लिए “घर तक फाइबर” योजना का उद्घाटन किया।
इस मौके पर बोलते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, कल संसद में कृषि से संबंधित दो विधेयक पास किए गए। मैं इस मौके पर अपने किसानों को बधाई देता हूं। कृषि क्षेत्र में यह बदलाव वर्तमान समय की जरूरत है और हमारी सरकार ने किसानों के लिए यह सुधार लाई है।
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प्रधानमंत्री ने कहा, मैं यहां स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि ये कानून, ये बदलाव कृषि मंडियों के खिलाफ नहीं हैं। कृषि मंडियों में जैसे काम पहले होता था, वैसे ही अब भी होगा। बल्कि ये हमारी ही एनडीए सरकार है जिसने देश की कृषि मंडियों को आधुनिक बनाने के लिए निरंतर काम किया है।
उन्होंने कहा, हमारे देश में अब तक उपज बिक्री की जो व्यवस्था चली आ रही थी, जो कानून थे, उसने किसानों के हाथ-पांव बांधे हुए थे। इन कानूनों की आड़ में देश में ऐसे ताकतवर गिरोह पैदा हो गए थे जो किसानों की मजबूरी का फायदा उठा रहे थे। आखिर ये कब तक चलता रहता।
एमएसपी पर अपनी बात को दोहराते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, मैं हर किसान को आश्वस्त करना चाहता हूं कि न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रणाली पहले की तरह जारी रहेगी। प्रधानमंत्री ने कहा, इस साल रबी में गेहूं, धान, दलहन और तिलहन को मिलाकर, किसानों को 1लाख 13हजार करोड़ रु. MSP पर दिया गया है। ये राशि भी पिछले साल के मुकाबले 30% से ज्यादा है।
उन्होंने कहा कि अब देश के किसान, बड़े-बड़े स्टोरहाउस में, कोल्ड स्टोरेज में इनका आसानी से भंडारण कर पाएंगे। जब भंडारण से जुड़ी कानूनी दिक्कतें दूर होंगी तो हमारे देश में कोल्ड स्टोरेज का भी नेटवर्क और विकसित होगा, उसका और विस्तार होगा। रविवार को राज्यसभा में ध्वनिमत से ‘कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक 2020’ तथा ‘कृषक (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन एवं कृषि सेवा करार विधेयक 2020’ को पारित कर दिया गया है।