पटना : पूर्वी क्षेत्र सांस्कृरतिक केंद्र कोलकाता संस्कृयति मंत्रालय, भारत सरकार और कला, संस्कृति एवं युवा विभाग, बिहार सरकार द्वारा प्रस्तुरत उत्तर पूर्वी भारत के राज्यों की कला और संस्कृति के सबसे बड़े उत्सरव ‘ऑक्टेव 2019’ का आगाज होगा, जिसका उद्घाटन फागू चौहान, राज्यकपाल, बिहार करेंगे।
इस मौके पर मुख्य सुशील कुमार मोदी, उपमुख्यकमंत्री बिहार होंगे, जबकि कार्यक्रम की अध्येक्षता खुद प्रमोद कुमार, मंत्री कला, संस्कृनति एवं युवा विभाग, बिहार सरकार करेंगे। यह आयोजन 14 दिसंबर तक चलेगा। उक्त जानकारी आज कला, संस्कृति एवं युवा विभाग, बिहार सरकार के मंत्री प्रमोद कुमार ने अपने कार्यालय में आयोजित संवददाता सम्मे लने के दौरान दी।
इस मौके पर उन्होंने मुख्यलमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यनमंत्री सुशील कुमार मोदी और प्रदेश की जनता की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व केंद्रीय कला संस्कृशति मंत्री का आभार भी व्यक्त किया।
उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने देश में ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ की मुहिम चलाई है, जिसके तहत बिहार की ऐतिहासिक धरती पर यह आयोजन सराहनीय है। इस आयोजन के तहत प्रदेश की जनता को पूर्वोत्तर भारत की कला, संस्कृति, रहन दृ सहन, खान-पान, वेष-भूषा आदि अपने राज्यम में करीब से जानने का मौका मिलेगा। यह हमें गौरवान्वित करता है। इसलिए हम बिहार सरकार की ओर से सांसद, विधान मंडल सदस्य, समेत समस्ता कला प्रेमियों को आमंत्रित करते हैं। प्रवेश निरूशुल्क है।
संवाददाता सम्मेलन को पूर्व क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, कोलकाता के निदेशक गौरी बसु ने भी संबोधित किया और ‘ऑक्टेव 2019’ के बारे में विस्तातर से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि उत्तर-पूर्व की समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं को अभिव्यक्त करनेवाला एक खूबसूरत त्योहार है, जिसे 2006 में शुरू किया गया था।
ऑक्टेव पूर्वोत्तर, देश के अन्य हिस्सों के लोगों के बीच इस क्षेत्र के शानदार और सामंजस्यपूर्ण सौंदर्य के बारे में बेहतर रूप से समझ विकसित करता है। अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा के अष्टकोणीय गठन की अपनी अलग सांस्कृतिक परंपरा और स्थलाकृति है।
उन्होंने कहा कि हाल में अपने मूल के माध्यम से ऑक्टेव अब देश के सांस्कृतिक कैलेंडर में एक प्रमुख कार्यक्रम बन गया है। जनसांख्यिकी, सांस्कृतिक और भाषाई रूप से नॉर्थ ईस्ट के अस्तित्व वाले संस्कृतियों के सुंदर सम्मेलन का आदर्श उदाहरण है। यह महोत्सव उत्तर-पूर्व शास्त्रीय नृत्य रूपों, दृश्यकला और हस्तशिल्प की लोक जनजातीय परंपराओं को प्रदर्शित करेगा। भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों के रंगीन त्योहार और उत्सव लोगों की आशा, खुशी, सपने और आकांक्षाओं की अभिव्यक्ति है।
संवददाता सम्मेओलन में कला संस्कृाति एवं युवा विभाग बिहार सरकार के प्रधान सचिव रवि परमार, अपर सचिव दीपक आनंद, पूर्व क्षेत्र सांस्कृकतिक केंद्र, कोलकाता के डिप्टी डायरेक्टर तापस और विनोद अनुपम भी मौजूद रहे।
– जेपी चौधरी