बिहार की राजधानी पटना जहां पानी-पानी है, वहीं अब राहत के नाम पर राजनीति प्रारंभ हो गई है। मधेपुरा के पूर्व सांसद और जन अधिकार पार्टी (जाप) के प्रमुख पप्पू यादव सोमवार को जलजमाव वाले क्षेत्र राजेंद्र नगर इलाके में ट्रैक्टर से पहुंचे और उन्होंने राहत सामग्री का वितरण किया।
पप्पू यादव ने कहा, “हम भीषण आपदा की स्थिति में पटना के सभी नागरिकों के साथ हैं। आज लोगों की मदद करने की जरूरत है, इसलिए हम पूरे देश की जनता से अपील करते हैं कि वे मदद के लिए आगे आएं। इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए।”
पप्पू यादव ने हालांकि पटना की नारकीय स्थिति पर नीतीश सरकार पर जमकर हमला भी बोला और कहा कि नीतीश कुमार को शर्म आनी चाहिए कि हर बार वह अपनी नाकामियों को प्राकृतिक आपदा बता कर पल्ला झाड़ लेते हैं।
जाप अध्यक्ष ने कहा, “यहां जब मानसून आता है, तब सीवरेज का काम शुरू होता है। बाढ़ आती है, तब नीतीश कुमार को फरक्का की याद आती है। जब नेपाल पानी छोड़ता है, तब हवाई सर्वेक्षण को निकलते हैं। मगर, कभी इन समस्याओं स्थाई समाधान का प्रयास 15 सालों में नहीं किया। आज जब पटना में लोग डूबे, बाहर से आने वाले बच्चे बर्बाद हो गए, करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ, तब कहते हैं कि सब्र करो।”
उन्होंने कहा कि 15 साल से तो सब्र ही कर रहे थे, आखिर कब तक ऐसे चलेगा। उन्होंने बाढ़ राहत के नाम पर नेताओं और अधिकारियों को भी कटघरे में खड़ा कर दिया और कहा कि बाढ़ राहत के नाम पर नेता और पदाधिकारी अपना घर भरते हैं, पिकनिक करते हैं। राजद प्रवक्ता और सांसद मनोज झा ने पटना की हालात पर गहरी चिंता जाहिर करते हुए कहा, “जब सरोकार खत्म हो जाएंगे और सरकार केवल मुद्दों को बदलने वाले विषयों पर राजनीति करेगी तब नतीजा इस तरह का होगा।”
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झा ने कहा, “एसी कमरों में बैठकर आपदा प्रबंधन की बैठक खत्म कर लेने से आपदा पर नियंत्रण पाना मुश्किल है।” इस बीच, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा ने राहत शिविर चलाने की बात कही है। मोर्चा के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा कि पार्टी मलाही पकड़ी इलाके में शिविर लगाकर जलजमाव वाले क्षेत्रों के बीच भोजन और पेयजल बांटेगी।