चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर रविवार को कोरोना वायरस की महामारी के चलते कथित रूप से तीन महीने से अपने आधिकारिक निवास से बाहर नहीं आने को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा। किशोर को दो साल पहले जनता दल (यू) में शामिल होने के कुछ हफ्तों के बाद ही नीतीश कुमार ने पार्टी उपाध्यक्ष नियुक्त किया था। हालांकि, इस साल अनुशासनहीनता को लेकर पार्टी से निष्कासित कर दिया था।
किशोर ने ट्वीट कर बिहार में महामारी के गंभीर अवस्था में पहुंचने के वक्त विधानसभा चुनाव की तैयारियों को गति देने के लिए सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) पर निशाना साधा। किशोर ने ट्वीट किया,‘‘ देश में सबसे कम जांच, सात से नौ प्रतिशत पॉजिटिव मामले की दर और छह हजार से ज़्यादा मामले के बावजूद बिहार में करोना के बजाय चुनावों की चर्चा है।’’
देश में सबसे कम टेस्टिंग, 7-9% पॉज़िटिव केस दर और 6 हज़ार से ज़्यादा केस के बावजूद बिहार में करोना के बजाय चुनावों की चर्चा है।
तीन महीनों से #Corona के डर से अपने आवास से ना निकलने वाले @Nitishkumar समझते हैं कि लोगों के घरों से निकलकर चुनाव में भाग लेने में कोई ख़तरा नहीं है।
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) June 14, 2020
उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘ तीन महीनों से कोरोना वायरस के संक्रमण के डर से अपने आवास से न निकलने वाले नीतीश कुमार समझते हैं कि लोगों के घरों से निकलकर चुनाव में भाग लेने में कोई ख़तरा नहीं है।’’ प्रशांत किशोर की टिप्पणी ऐसे समय आई है जब वीडियो कांफ्रेंस के जरिये जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं से संवाद के छह दिन के कार्यक्रम का नीतीश कुमार ने समापन किया है।
उल्लेखनीय है कि 2015 विधानसभा चुनाव में जद(यू) और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के महागठबंधन के चुनाव अभियान में प्रशांत किशोर ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और महागठबंधन को जीत मिली थी। उल्लेखनीय है कि नीतीश कुमार के घर से ही काम करने को लेकर राजद के वरिष्ठ नेता लालू प्रसाद यादव और उनके बेटे तेजस्वी यादव ने भी निशाना साधा है और ‘डरपोक’ कहा है।