अपारदर्शी और अदूरदर्शिता का मिश्रण था प्रधानमंत्री का वक्तव्य:मंजूबाला - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

अपारदर्शी और अदूरदर्शिता का मिश्रण था प्रधानमंत्री का वक्तव्य:मंजूबाला

महिला कांग्रेस की पूर्व उपाध्यक्ष मंजूबाला पाठक ने कहा कि कांग्रेस के महत्वपूर्ण सुझाव के बाद प्रधानमंत्री का पैकेज की घोषणा करना स्वागत योग्य कदम है, फिर भी प्रधानमंत्री का अपारदर्शी घोषणा बहुत बड़ा भ्रम पैदा करता है।

 पटना, (पंजाब केसरी) : महिला कांग्रेस की पूर्व उपाध्यक्ष  मंजूबाला पाठक ने कहा कि कांग्रेस के  महत्वपूर्ण सुझाव के बाद प्रधानमंत्री का पैकेज की घोषणा करना स्वागत योग्य कदम है, फिर भी प्रधानमंत्री का अपारदर्शी घोषणा बहुत बड़ा भ्रम पैदा करता है। 2019-20 बजट के अनुसार देश का कुल बजट ही जब 27.86 लाख करोड़ का है, उसमें से 20 लाख करोड़ का पैकेज देना बहुत बड़ा भ्रम फैलाता है। मोदी जी को समय सीमा भी बताना चाहिए था कि ये 20 लाख करोड़ का पैकेज कितने वर्षों तक बंटेगा और  कैसे ये आम जनमानस तक पहुंचेगा। इसके अलावा कितने विभागों के पूर्व में खर्च हो चुके बजट को इसमें जोड़ा गया है। भारत की जनता आशा भरी नजरो से मोदी जी की तरफ  देख रही थी ऐसे में अपारदर्शी घोषणाओं से जनता को भरमाना प्रधानमंत्री पद को शोभा नहीं देता।  इसके अलावा उन्होंने कहा कि  कोरोना महामारी के समय भी प्रधानमंत्री सिर्फ  सस्ती राजनीति ही कर रहे है।  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  जनता के मन मस्तिष्क के साथ खेलने का काम कर रहें हैं।  नरेंद्र मोदी ने गरीबों-मजदूरों तथा कोरोना के आपदा के शिकार कमजोर वर्ग के लोगों के लिए कुछ भी स्पष्ट तौर पर नहीं कहा उन्होंने ये भी साफ  नही किया कि मजदूरों को कैसे उनके घर पहुंचाया जाएगा। कैसे उनके रोजी रोटी की व्यवस्था की जाएगी। इसके अलावा लॉकडाउन के अलावा कोरोना से लडऩे के लिए उनकी सरकार और क्या प्रयास कर रही है। अगर राज्य सरकारों पर ही लॉकडाउन का फैसला छोडऩा था तो ये तीन चरणों मे राज्य की सरकारों से ब्लू प्रिंट तैयार क्यों नही कराया गया बिहार की सरकार तो खुद ही भृम में है। अब बिहार सरकार को अपने  मजदूरों के एकाउंट में पैसे डालने चाहिए जिससे उनके जीवन का वहन हो सके।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

15 − 4 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।