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राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह बने जेडीयू के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष, जानिए नीतीश के करीबी का राजनीतिक संघर्ष

जेडीयू के नये राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह होंगे। शनिवार को दिल्ली में जेडीयू की कार्यकारिणी की बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मौजूदगी में केंद्रीय मंत्री आरसीपीसी सिंह ने राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दिया।

बिहार की सरकार में काबिज नीतीश सरकार की पार्टी जनता दल यूनाइडेट (जेडीयू) में राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद को लेकर काफी गहमागहमी बनी हुई थी, जो अब सुलझ गई है। जेडीयू के नये राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह होंगे। शनिवार को दिल्ली में जेडीयू की कार्यकारिणी की बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मौजूदगी में केंद्रीय मंत्री आरसीपीसी सिंह ने राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दिया। 
इसके बाद ललन सिंह को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने की घोषणा की गई। कार्यकारिणी की बैठक में पार्टी के सभी सांसद और करीब दो दर्जन राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष शामिल हुए। जेडीयू के अध्यक्ष पद की रेस में राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह का नाम सबसे आगे चल रहा था। ललन सिंह सीएम नीतीश कुमार के बेहद करीबी माने जाते हैं। 
पिछले साल दिसंबर महीने में ही पार्टी ने प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी पर आरसीपी सिंह को बिठाया था। तमाम सियासी समीकरणों को साधते हुए उनको पार्टी में शीर्ष नेतृत्व का दर्जा दिया गया था लेकिन हाल ही में केंद्रीय मंत्री बनाए गए हैं। मंत्री बनने के बाद वह पार्टी के लिए समय नहीं निकाल पा रहे हैं, ऐसे में पार्टी को एक बार फिर नए अध्यक्ष की तलाश करनी पड़ी। 
बता दें कि बिहार के मुंगेर संसदीय सीट से सांसद राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह को भी नीतीश कुमार का करीबी माना जाता है। 24 जनवरी, 1955 को उनका जन्म हुआ है। भूमिहार जाति से आने वाले ललन सिंह जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं, साल 2014 में लोकसभा चुनाव में हार के बाद उन्हें राज्यपाल कोटा से बिहार विधान परिषद भेजा गया था। वहीं, जीतन राम मांझी के कैबिनेट में सड़क निर्माण विभाग का जिम्मा सौंपा गया था। 
हालांकि, ललन सिंह के मंत्री बनाए जाने की वजह से जेडीयू में बगावत हो गई थी और 12 विधायकों के साथ ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू बीजेपी में चले गए थे। जिसके 2015 के फरवरी में उन्हें मंत्री पद से हटा दिया गया था। हालांकि, 2015 में दोबारा महागठबंधन सरकार बनने के बाद उन्हें नीतीश कैबिनेट में जगह मिली थी।

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