कभी सियासत में बिहार के सीएम नीतीश कुमार के हनुमान कहे जाने वाले आरसीपी सिंह अब आरोपों का निशाना बना रहे हैं। जडीयू नेताओं ने खुद अपने पूर्व अध्यक्ष पर बेहिसाब संपत्ति बनाने का आरोप लगाया हैं। इसी के आरोप में जेडीयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने आरसीपी को नोटिस भेजकर जवाब भी मांगा हैं।
पार्टी हाईकमान से खराब हो रहे हैं संबंध, केंद्रिय कैबिनेट से देना पड़ा इस्तीफा
पीएम मोदी के कैबिनेट विस्तार के बाद ही नीतीश कुमार व आरसीपा सिंह के संबंधों में दरार पड़ गई थी।अध्यक्ष जेडीयू अध्यक्ष आरसीपी सिंह ने भाजपा के साथ एक कैबिनेट पद पर ही राजी हो गये थे, जबकि नीतीश कुमार दो राज्यमंत्री व एक कैबिनेट मंत्री की पद पर अड़े थे। लेकिन आरसीपी सिंह ने नीतिश को दरकिनार करते हुए पार्टी से खुद को कैबिनेट पद के लिए नामित किया। इसी वजह से उन्हें राज्यसभा का टिकट नहीं मिला और फिर केंद्रीय मंत्री का पद गंवाना पड़ा था। फिलहाल आरसीपी सिंह के पास पार्टी और सरकार में कोई पद नहीं है। अब जेडीयू नेतृत्व ने ही उनपर गंभीर आरोप लगाए हैं।
नालंदा के जेडीयू नेताओं ने सबूतों के साथ लगाया आरोप
प्रदेशाध्यक्ष द्वारा आरसीपी सिंह को लिखे गए पद में कहा गया है कि नालंदा जिले के दो जेडीयू नेताओं ने सबूतों के साथ उनके खिलाफ शिकायत की है। इसमें कहा गया कि आरसीपी सिंह ने उनके और उनके परिवार के नाम पर साल 2013 से 2022 के बीच अकूत अचल संपत्ति निबंधित कराई। इसमें कई तरह की अनियमितताएं नजर आ रही हैं।
प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने कहा की आपने पार्टी में कई बड़ो पदों पर काम किया हैं।आपको पार्टी ने दो बार राज्यसभा में भेजा. आज तक नीतिश कुमार पर कोई अवैध संपत्ति बनाने का आरोप नहीं लगा। सीएम ने हमेशा भष्ट्राचार की जीरोटॉलरेंस नीति पर काम करते हैं और इतने बड़े नेता होने के बावजूद उनपर कोई दाग नहीं लगा और न ही कोई संपत्ति बनाई।