जातीय जनगणना की मांग लगातार रफ्तार पकड़ रही है। बिहार की मुख्य विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने जाति आधारित जनगणना को समर्थन दिया है। इसके साथ ही उन्होंने जातीय जनगणना नहीं होने पर जनगणना, 2021 के बहिष्कार की धमकी दी है। लालू से पहले उनके बेटे तेजस्वी यादव भी जाति आधारित जनगणना का समर्थन कर चुके हैं।
लालू यादव ने जाति आधारित जनगणना के समर्थन में ट्वीट कर कहा, ‘‘अगर 2021 जनगणना में जातियों की गणना नहीं होगी तो बिहार के अलावा देश के सभी पिछड़े और अतिपिछड़ों के साथ दलित और अल्पसंख्यक भी गणना का बहिष्कार कर सकते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘जनगणना के जिन आंकड़ों से देश की बहुसंख्यक आबादी का भला नहीं होता हो तो फिर गणना के आंकड़ों का क्या हम अचार डालेंगे?’’
उल्लेखनीय है कि बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और लालू के छोटे पुत्र तेजस्वी प्रसाद यादव की अगुवाई में विपक्षी दलों के एक शिष्टमंडल ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से 30 जुलाई को मुलाकत कर सुझाव दिया था कि या तो विधानसभा का एक शिष्टमंडल जिसमें उनके साथ सभी दलों के सदस्य शामिल रहेंगे, मुख्यमंत्री के नेतृत्व में प्रधानमंत्री से समय लेकर उनके समक्ष अपनी इस माग को रखें और अगर केंद्र सरकार ऐसा नहीं करती तो राज्य सरकार सभी जातियों की जनगणना करे जैसे कर्नाटक ने कुछ समय पहले किया था।
नीतीश जिनकी पार्टी जदयू केंद्र और राज्य में भाजपा की सहयोगी है, ने नौ अगस्त को कहा था कि उनका लिखा पत्र प्रधानमंत्री कार्यालय को चार तारीख को प्राप्त हो चुका है। अभी तक इसका जवाब नहीं आया है। उन्होंने कहा था, ”हमलोग चाहते हैं कि जातीय जनगणना हो जाए, यह केंद्र सरकार पर निर्भर है। यह हम लोगों की पुरानी मांग है। हम पहले भी इस संबंध में अपनी बातों को रखते रहे हैं।”