बिहार के गोपालगंज जिले में 264 करोड़ की लगत से एक महीने पहले बना सत्तरघाट पुल पानी में बह गया, जिसके बाद राज्य के कई जिलों का संपर्क टूट गया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 16 जून को पटना से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस पुल का उद्घाटन किया था। इस घटना पर आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री पर निशाना साधा है।
तेजस्वी ने ट्वीट करते हुए लिखा, 8 वर्ष में 263.47 करोड़ की लागत से निर्मित गोपालगंज के सत्तरघाट पुल का 16 जून को नीतीश जी ने उद्घाटन किया था आज 29 दिन बाद यह पुल ध्वस्त हो गया। खबरदार! अगर किसी ने इसे नीतीश जी का भ्रष्टाचार कहा तो? 263 करोड़ तो सुशासनी मुँह दिखाई है। इतने की तो इनके चूहे शराब पी जाते है।
8 वर्ष में 263.47 करोड़ की लागत से निर्मित गोपालगंज के सत्तर घाट पुल का 16 जून को नीतीश जी ने उद्घाटन किया था आज 29 दिन बाद यह पुल ध्वस्त हो गया।
ख़बरदार!अगर किसी ने इसे नीतीश जी का भ्रष्टाचार कहा तो?263 करोड़ तो सुशासनी मुँह दिखाई है।इतने की तो इनके चूहे शराब पी जाते है pic.twitter.com/cnlqx96VVQ
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) July 15, 2020
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, 263 करोड़ से 8 साल में बना लेकिन मात्र 29 दिन में ढ़ह गया पुल। संगठित भ्रष्टाचार के भीष्म पितामह नीतीश जी इस पर एक शब्द भी नहीं बोलेंगे और ना ही साइकिल से रेंज रोवर की सवारी कराने वाले भ्रष्टाचारी सहपाठी पथ निर्माण मंत्री को बर्खास्त करेंगे। बिहार में चारों तरफ लूट ही लूट मची है।
गौरतलब है कि बिहार के गोपालगंज जिले में गंडक नदी के तेज बहाव का दबाव एक महीने पहले बना सत्तरघाट पुल नहीं झेल सका और टूट गया, जिससे इस सड़क पर आवगमन बाधित हो गया। बैकुंठपुर प्रखंड के खोम्हारीपुर में पुलिया के पास सड़क टूटने से उत्तर बिहार के कई जिलों का संपर्क टूट गया।
यह सड़क मुख्य रूप से पूर्वी चंपारण के केसरिया तथा बैकुंठपुर को जोड़ता है। पुल, पुलिया और संपर्क पथ के निर्माण में लगभग 264 करोड़ रुपये की राशि खर्च की गई थी। इस पुल का निर्माण बिहार पुल निर्माण विभाग द्वारा कराया गया था। वर्ष 2012 में इस पुल का निर्माण शुरू किया गया था. निर्माण पूरा होने के बाद 16 जून 2020 को इसका उद्घाटन किया गया था।