राज्य सरकार मक्के की खरीददारी समर्थन मूल्य पर करे : ललन कुमार - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

राज्य सरकार मक्के की खरीददारी समर्थन मूल्य पर करे : ललन कुमार

ललन कुमार ने कहा कि मकई किसानों की बदहाली का बिहार सरकार जल्द संज्ञान ले और फसल की खरीद करवाए। किसानो को न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं मिलेगा तो वे कर्ज के दलदल मे फंस जाएंगें, जिसकी सारी जिम्मेदारी सरकार की होगी।

बिहार युवक कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ललन कुमार ने कहा कि  बिहार कांग्रेस ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मक्का के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरकारी से खरीद करने की मांग की है। मक्का की सरकारी मूल्य पर खरीद नहीं होने के कारण राज्य के खासकर कोसी क्षेत्र के किसानों को घाटा हो रहा है। कोसी क्षेत्र में मक्का की खेती किसानों की जीवन रेखा है, लेकिन सरकार की उदासीनता एवं प्रसाशनिक लापरवाही से मक्का की सरकारी खरीद नहीं हो पा रही है, जिससे किसान दर-दर ठोकरें खा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि किसान मौसम की मार एवं उतार चढ़ाव के खतरे से आशंकित हैं, जबकि भंडारन के अभाव और फसी पूंजी के कारण कर्ज के दबाव में औन-पौने दाम में मक्का बेचने पर विवश है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के कारण यहां के मक्का किसान दोहरी मार झेल रहे है। लॉकडाउन मे फंसे बाहरी व्यापारी का आना-जाना बंद हो जाने से मक्का का उचित दाम नहीं मिल पा रहा है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने मकई के लिए 1760 रुपये का न्यूनतम समर्थन मूल्य तय किया हैए लेकिन क्रय केंद्र खुले नहीं है और लॉकडाउन के कारण बाहर के व्यापारी भी नहीं आ रहे। पोल्ट्री व्यवसाय ठप पड़ जाने के कारण पोल्ट्री फीड में इस्तेमाल होने वाले अनाजए मक्का की मांग कमजोर पड़ गयी है। ललन ने कहा कि मकई किसानों की बदहाली का बिहार सरकार जल्द संज्ञान ले और फसल की खरीद करवाए। किसानो को न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं मिलेगा तो वे कर्ज के दलदल मे फंस जाएंगें, जिसकी सारी जिम्मेदारी सरकार की होगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

one × 5 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।