सच और झूठ के जाल में फंसा अनुमंडल लोक शिकायत निवारण कार्यालय तेघड़ा , RTI से हुआ मामले का खुलासा - Latest News In Hindi, Breaking News In Hindi, ताजा ख़बरें, Daily News In Hindi

लोकसभा चुनाव 2024

पहला चरण - 19 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

102 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

तीसरा चरण - 7 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

94 सीट

चौथा चरण - 13 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

96 सीट

पांचवां चरण - 20 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

49 सीट

छठा चरण - 25 मई

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

सातवां चरण - 1 जून

Days
Hours
Minutes
Seconds

57 सीट

दूसरा चरण - 26 अप्रैल

Days
Hours
Minutes
Seconds

89 सीट

सच और झूठ के जाल में फंसा अनुमंडल लोक शिकायत निवारण कार्यालय तेघड़ा , RTI से हुआ मामले का खुलासा

लोक शिकायत निवारण अधिनियम के तहत अनुमंडल लोक शिकायत निवारण अधिकारी कार्यालय तेघड़ा में जनता की शिकायतों का निवारण बस फाइलों में ही दौड़ती है।

लोक शिकायत निवारण अधिनियम के तहत अनुमंडल लोक शिकायत निवारण अधिकारी कार्यालय तेघड़ा में जनता की शिकायतों का निवारण बस फाइलों में ही दौड़ती है। पीड़ितों के शिकायतों का निस्तारण में बिना उनका पक्ष सुने जाने सिर्फ संबंधित प्राधिकारों के कहने पर उनके शिकायतों को ठंडे बस्ते में बंद कर फाइलों में ही दफना दिया जाता है।या फिर बड़े पैमाने पर लीपापोती कर घोटाला कर दिया जाता है।इसका खुलासा सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 आरटीआई के तहत दिए आवेदन से हुआ है।
लोक सूचना अधिकारी सह अनुमंडल लोक शिकायत निवारण अधिकारी तेघड़ा श्रीमती प्रियंका कुमारी द्वारा शोकहारा दो निवासी आरटीआई एक्टिविस्ट गिरीश प्रसाद गुप्ता को एक आरटीआई जबाब में स्पष्ट तौर पर यह जानकारी सूची के साथ उपलब्ध कराई है कि आवेदक का वर्ष 2019,2020 व 2021 में कुल 61 शिकायतों का निस्तारण कर दिया गया है।जिनमें 22 आवेदन जिला स्तर से प्राप्त हुए थे।इन सभी शिकायतों से संबंधित आवेदनों की कुल संख्या उन्होंने 247 पृष्ठों में बताया और उसके मुहैया कराने के एवज में दो रुपए प्रति पृष्ठों की दर से कुल 494 रुपए अनुमंडल कार्यालय तेघड़ा में जमा करने का आदेश दिया।
क्या है मामला
आवेदक ने बताया कि सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के नियमों व प्रावधानों के अनुसार 30 दिनों के काल बाधित होने के कारण उन्होंने मांगी गई शुल्क जमा नहीं कर उनके इस आदेश के खिलाफ नियमानुसार उनके प्रथम अपीलीय प्राधिकार सह जिला लोक शिकायत निवारण अधिकारी बेगूसराय के समक्ष प्रथम अपील दायर करते हुए उसे निः शुल्क मुहैया कराने का अनुरोध किया।
उन्होंने आगे बताया कि तत्पश्चात प्रथम अपीलीय प्राधिकार द्वारा मामले को संज्ञान में लेते हुए अनुमंडल लोक शिकायत निवारण अधिकारी तेघड़ा को उसे निःशुल्क उपलब्ध कराने का आदेश दिया।उन्होंने बताया कि उक्त आदेश के बाद अनुमंडल लोक शिकायत निवारण अधिकारी ने उन्हें कुल 247 पृष्टों का दस्तावेजों को निःशुल्क मुहैया कराया।आवेदक ने बताया कि जब उन्होंने दस्तावेजों की पोटली खोली तो अचंभित रह गए।क्योंकि उन शिकायतों को बिना उन्हें कोई जानकारी व नोटिस दिए और बिना कोई पक्ष सुने संबंधित अधिकारियों के गलत प्रतिवेदन देने और कहने पर एक पक्षीय तौर पर निस्तारित कर ठंढे बस्ते में बंद कर उसे फाइलों में दफना दिया गया है।
जो एक ऐतिहासिक मामला है।उन्होंने आगे बताया कि उन शिकायतों में राष्ट्रपति सचिवालय, प्रधानमंत्री सचिवालय, गृह मंत्रालय दिल्ली,मुख्यमंत्री सचिवालय, सामान्य प्रशासन विभाग,गृह विभाग, ग्रामीण विकास विभाग,राजस्व और भूमि सुधार विभाग प्राप्त आवेदनों सहित वर्ष 2020 में सूचना मांगने के कारण तेघड़ा अनुमंडल प्रशासन व पुलिस द्वारा उन्हें पिटाई करने से संबंधित मामला तथा जो व्यवहार न्यायालय बेगूसराय में दायर वादों से भी संबंधित है।उसे भी गैर कानूनी ढंग से दोषी अधिकारियों के कहने पर निस्तारित कर दफना दिया गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

15 − 10 =

पंजाब केसरी एक हिंदी भाषा का समाचार पत्र है जो भारत में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के कई केंद्रों से प्रकाशित होता है।