पटना: राज्य के वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी ने नीतीश सरकार के इस साल के कार्यकाल का आखिरी एंव 13वां बजट विधानसभा में पेश किया। बजट पेश करते हुए मोदी ने बिहार को एक सर-प्लस रेवेन्यू वाला राज्य बताया। 2020-21 का बजट 2 लाख 11 हजार 761 करोड़ा का रखा गया, जो पिछले बार की तुलना में आठ गुना ज्यादा है, 2019-20 में 2 लाख 501 करोड़ रुपए का बजट था।
वित्त मंत्री सुशील मोदी ने बताया कि जल जीवन हरियाली अभियान की शुरुआत करने वाला बिहार देशा का पहला राज्य बन गया है। जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करने के लिए 24 हजार 500 करोड़ रुपए बजट आवंटित किया गया है। साथ ही मोदी ने बताया कि राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री सात निश्चय की अधिकांश योजनाओं को हासिल कर लिया गया है।
कुल व्यय 2019-20 में 12 लाख 24 हजार 94 करोड़ रुपए का है। वित्त मंत्री ने बताया कि गैर योजना मद में 2020-21 में 35,264.89 करोड़ रुपए का है। 2006-07 से वर्ष 2019-20 के दौरान योजना व्यय बढक़र 5 लाख 51 हजार 29 करोड़ रुपए हो गया है एवं गैर योजना या स्थापना एवं प्रतिबद्ध व्यय 5 लाख 31 हजार 236 करोड़ रुपए का था जो योजना व्यय और गैर योजना व्यय से ज्यादा है।
2021 में योजना व्यय बढक़र 49.95 प्रतिशत तथा गैर योजना व्यय तथा स्थापना एवं प्रतिबद्ध व्यय 50.05 प्रतिशत हो गया है। वर्ष 2020-21 में वार्षिक स्कीम का कुल बजट अनुमान 1,05,262.34 करोड़ रुपए का है। जो वर्ष 2019-20 के बजट अनुमान 1,00,000.98 करोड़ रुपए से 5261.36 करोड़ रुपए अधिक है।
वित्त मंत्री मोदी ने कहा कि 2020-21 के बजट अनुमान का कुल व्यय 2,11,761.49 करोड़ रुपए का है, जिसमें स्कीम व्यय में 1,05,766.35 करोड़ रुपए तथा स्थापना एवं प्रतिबद्ध व्यय में 1,05,995.14 करोड़ रुपए है। जो वेतन मद में प्रतिबद्ध व्यय 53,508.02 करोड़ रुपए और पेंशन मद में 20,468.16 करोड़ रुपए खर्च होता है।
ब्याज भुगतान मद में 12,924.65 करोड़ रुपए एवं लोक ऋण अदायगी में 7,035.28 करोड़ रुपए है, कुल 93,936.11 करोड़ रुपए का है। राज्य को कुल राजस्व प्राप्तियां या पुंजीगत प्राप्तियां 2,11,961.49 करोड़ रुपए की हुई है। जिसमें राजस्व प्राप्तियां 1,83,923.99 करोड़ रुपए है। केंद्र सरकार से प्राप्त राजस्व 1,43,934.70 करोड़ रुपए है, जिसमें 9,11,80.60 करोड़ रुपए केंद्र से प्राप्त करा है। वहीं, केंद्र सरकार से प्राप्त सहायता अनुदान 52,754.10 करोड़ रुपए है।
वहीं, राजकोषीय घाटा जीएसडीपी का 2.80 प्रतिशत यानी 20,374 करोड़ रुपए का है। राज्य सरकार ने शिक्षा के लिए 21,264.24 करोड़, ग्रामीण विकास के लिए 16,014.88 करोड़, ग्रामीण कार्य मद के लिए 9,619 करोड़, समाज कल्याण विभाग के लिए 7,997.63 करोड़, स्वास्थ्य विभाग के लिए 5,610 करोड़, पथ निर्माण विभाग के लिए 5,581 करोड़, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के लिए 5,351 करोड़, वित्त विभाग के लिए 3,950 करोड़, नगर विकास एवं आवास विभाग के लिए 3,418 करोड़, जल संसाधन विभाग के लिए 3,000 करोड़ तथा अन्य विभागों को मिलाकर 23,456.59 करोड़ रुपए, यानी कुल 1,05,262.34 करोड़ रुपए की मंजूरी दी है।
साथ ही वित्त मंत्री मोदी ने बताया कि जल जीवन हरियाली के साथ-साथ शराबबंदी, तिलक दहेज, बाल विवाह जैसे सामाजिक मुद्दों पर जागृति हेतु 19 जनवरी, 2020 को 18 हजार 34 किमी लंबी विश्व की सबसे बड़ी मानव श्रृंखला बनाई गई थी, जिसमें 5 करोड़ 16 लाख से ज्यादा लोगों ने भाग लेकर कीर्तिमान स्थापित किया।
वहीं, वैश्विक आर्थिक परिदृश्य अनिश्चिता तथा आर्थिक सुस्ती के दौर से गुजर रहा पूर्वानुमान के अनुसार वैश्विक आर्थिक विकास दर 3 प्रतिशत से नीचे रहने की संभावना है। जो वर्ष 2008-09 के ग्लोबल फाइनेंशियल क्राइसिस के बाद सबसे निचले स्तर पर है।
वित्त मंत्री ने बताया कि वर्ष 2019-20 में भारत की विकास दर अनुमान से काफी कम रहने की संभावना है। आर्थिक सुस्ती के माहौल के बावजूद बिहार ने वर्ष 2018-19 में स्थिर मूल्यों पर 10-53 फीसदी की विकास दर एवं वर्तमान मूल्यों पर 15.01 फीसदी की विकास दर हासिल की है। पिछले तीन वर्षों से लगातार बिहार ने राष्ट्रीय विकास दर से ज्यादा विकास दर हासिल की है। स्थिर मूल्य पर वर्ष 2018-19 का प्रति व्यक्ति आय का अनुमान 30,617 रुपए था। पिछले वर्ष की तुलना में इसमें 9.0 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर संगत वृद्धि दर 5.6 प्रतिशत है।