बिहार विधानसभा में नेता विपक्ष तेजस्वी यादव ने रविवार को नीतीश सरकार पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि बिहार में पिछले 15 वर्षों में 55 बड़े घोटाले हुए लेकिन किसी भी बड़े अधिकारी या मंत्री के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। सरकार इसमें कई दिग्गजों को बचाने की कोशिश कर रही है। इन घोटालों में फंसे लोगों के हजारों करोड़ रुपये कौन लौटाएगा।
उन्होंने यह बयान लद्दाख की गलवान घाटी में शहीद हुए भोजपुर के जवान के परिजनों से मुलाकात के लिए जाते वक़्त कही। इस दौरान वह बिहार सरकार और केंद्र सरकार पर जमकर बरसे। इसके अलावा उन्होंने ट्वीट कर लिखा, बिहार सरकार के शीर्ष पर बैठे सृजन घोटाले के मुख्य सूत्रधार को CBI द्वारा क्यों बचाया जा रहा है? महादलित विकास मिशन घोटाला, ज़मीन और सृजन घोटाले के आरोपी केपी रमैया तो उनकी आँखों का तारा है। पटना हाईकोर्ट ने केपी रमैया के भ्रष्टाचार पर तल्ख टिप्पणियां की थी।
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उन्होंने आगे लिखा, सृजन घोटाले में सरकारी खज़ाने से 3300 करोड़ की लूट का दोषी कौन है? 2008 की CAG रिपोर्ट के बावजूद क्यों CM के संरक्षण में लगातार 10 वर्ष तक यह घोटाला चलता रहा? 46 लाख के कथित चारा घोटाले पर हाय-तौबा करने वाले 3300 करोड़ की लूट पर चुप क्यों है? क्या CM की चुप्पी घोटाले का प्रमाण नही?
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, माननीय मुख्यमंत्री जी बताए, सृजन घोटाले, SC/ST छात्रवृति और ज़मीन घोटाले के आरोपी IAS और नेताओं को उनका सप्रेम संरक्षण प्राप्त क्यों है? ऐसी क्या योग्यता है कि आप उन्हें चुनाव लड़वाते है और हारने पर और घोटाला करने के लिए प्रोत्साहित और पुरस्कृत करते है?