बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव IRCTC घोटाले के मामले में मंगलवार को दिल्ली की अदालत में पेश हुए थे। कोर्ट में पेशी के बाद जमानत पर निर्णय लिया गया और कोर्ट ने उन्हें फटकार लगाई है। कोर्ट ने उन्हें आगाह किया है कि वो दुबारा ऐसे बयान नहीं दे। इसके साथ ही कोर्ट द्वारा उनकी जमानत की अर्जी कबूल कर ली गई है। जिसके बाद अब सीबीआई से लेकर तेजस्वी यादव ने इसपर प्रतिक्रिया दी है।
तेजस्वी ने दिया बयान
वही, तेजस्वी ने इस मामले पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, ‘मैंने अगर सीबीआई के अधिकारियों को धमकाया है तो आप FIR दर्ज क्यों नहीं करते है। 24 अगस्त 2022 को बिहार में विश्वास प्रस्ताव होता है और बिहार में उसी दिन 20 जगह रेड होती है। हमारी माँ बाहर जाती है लोगों को थप्पड़ मारती हैं कि सीबीआई के लोगों को अंदर आने दें और सीबीआई हम पर आरोप लगा रही है। हमारे बारे में गलत अफवाह फैलाई जा रही है।’
क्या है पूरा मामला ?
आपको बता दे कि तेजस्वी यादव के ऊपर पिता लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्री रहने के दौरान IRCTC होटल घोटाले का आरोप लगाया है। लालू यादव साल 2004 से 2009 तक रेल मंत्री रहे थे। इस दौरान आईआरसीटीसी के रांची और पुरी स्थित दो होटलों को लीज पर निजी कंपनी सुजाता होटल प्राइवेट लिमिटेड को दिया गया था। इस मामले में सीबीआई ने आरोप लगाया था कि होटलों को प्राइवेट कंपनी को लीज पर देने के बदले में लालू यादव के परिवार को कंपनी ने पटना के बेली रोड करीब 3 एकड़ की कीमत मिली थी।
CBI कर रही है मामले की जांच
सीबीआई ने आरोप लगाया था कि पहले इस जमीन डिलाइट कंपनी को दी गई थी। और बाद में जमीन को राबड़ी देवी एवं तेजस्वी यादव की मालिकाना हक वाली लारा प्रोजेक्ट कंपनी प्राइवेट लिमिटेड को बेंच दी गई। सीबीआई इस मामले में अपनी पूरी जांच कर रही है।