पटना: रविवार को पटना के गांधी मैदान में जदयू कार्यकर्ताओं की रैली में सीएम नीतीश कुमार ने कार्यकर्ताओं को संबोधन किया। बीते दिनों तेजस्वी यादव से मुलाकात को लेकर बिहार की राजनीति में लग रहे कयासों पर चुप्पी तोड़ते हुए नीतश कुमार ने स्पष्ट किया कि आगामी विधानसभा चुनाव में जदयू एनडीए के साथ ही चुनाव लड़ेगी। साथ ही नीतीश ने दावा किया कि विधानसभा की कुल 243 सीटों में से एनडीए गठबंधन को 200 से अधिक सीटों पर जीत हासिल होगी।
बता दें, बीते कुछ रोज पहले ही नीतीश कुमार ने विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव से मिलकर मुलाकात की थी, जिस को लेकर काफी राजनीतिक गलियारों में कयास लगाए जा रहे थे। इन सभी कयासों पर चुप्पी तोड़ते हुए सीएम नीतीश ने स्पष्ट किया कि इस बात का कोई राजनीतिक अर्थ नहीं निकाला जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कुछ लोग भ्रंम फैला रहे हैं।
करीब देढ़ घंटे के भाषण में सीएम नीतीश ने सीएए, एनआरसी, एनपीआर, समेत कई अन्य मुद्दों पर अपनी बात रखी। नीतश ने कहा कि राज्य विधानसभा में एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया है, नीतीश ने सीएए पर कहा कि इस मामले पर धैर्य रखना चाहिए जब तक की मामला अदालत में हैँ।
वहीं, एनपीआर पर सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि एनपीआर 2010 के फॉर्मेट पर कराया जएगा और इसके लिए हमने विधानसभा में प्रस्ताव पारित किया है।
रैली में सीएम नीतीश ने आरजेडी और कांग्रेस पर जम कर निशाना साधा। नीतीश ने कहा कांग्रेस और आरजेडी ने अल्पसंख्यकों से केवल वोट मांगे है, उनके लिए काम नहीं किया। मगर हमने अल्पसंख्यकों के लिए काम किया है। हमने भागलपुल दंगे के दोषियों को न्याय के कटघरे में लाकर पीडितों के लिए न्याय सुनिश्चित किया। सीएम नीतीश ने दावा किया कि उनके कार्यकाल में कानून व्यवस्था बेहतर हुई है और देश में आबादी के हिसाब से अपराध का अनुपात बिहार में कम है।
नीतीश ने आगे कहा कि अगर हमारी सरकार सत्ता में दोबार आएगी तो हर खेत तक सिंचाई का पानी पहुंचाएंगे। साथ ही नीतीश ने दावा किया कि राज्य से अब पलायन कम हुआ है, उसमें पहले की तरह मजदूरी करने नहीं बल्कि नौकरी करने वालों की संख्या ज्यादा है।
बता दें, साल के अंत में बिहार में विधानसभा चुनाव होने है। पिछले विधानसभा चुनाव में जदयू ने एनडीए से नाता तोड़ आरजेडी और कांग्रेस के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ा था, और जीत हासिल की थी। हालांकि, बाद में नीतीश ने आरजेडी और कांग्रेस का साथ छोड़ बीजेपी के साथ गठबंधन कर सरकार बना ली थी। मगर इनसब के बीच नीतीश ने साफ कर दिया कि आगामी विधानसभा चुनाव एनडीए के साथ ही लड़ा जाएगा, इससे पहले खुद गृहमंत्री अमित शाह ने भी कहा था कि बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही चुनाव लड़ा जाएगा।