बिहार में चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की एंट्री ने सियासी हलचल बढ़ा दी है, इसी कड़ी में बयानों और पलटवार का दौर भी शुरू हो चुका है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने कल प्रशांत किशोर के “30 साल से बिहार में विकास नहीं” वाले दावे को खारिज कर दिया। बता दें कि किशोर ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव पर आरोप लगाते हुए कहा था कि उनके कार्यकाल में राज्य ने कोई विकास नहीं देखा। उनके इस बयान को तेजस्वी यादव ने निराधार बताया, उन्होंने कहा कि “प्रशांत किशोर के बयान का जवाब देने का कोई मतलब नहीं है। यह एक निराधार बयान है। मुझे उनके ठिकाने की जानकारी नहीं है, वह कौन है?”
प्रशांत किशोर और नीतीश कुमार पर हमलावर हुए तेजस्वी
साथ ही राजद नेता ने देश में नागरिकता (संशोधन) अधिनियम के कार्यान्वयन पर मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया के बारे में भी बात की और संसद में विधेयक के पक्ष में अपना वोट डालने के लिए नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली पार्टी पर निशाना साधा। कुमार ने कहा था कि सीएए एक नीतिगत मामला है और राज्य सरकार लोगों को कोविड से बचाने के लिए अधिक चिंतित है। यह टिप्पणी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के उस बयान के जवाब में आई है जिसमें उन्होंने कहा था कि इस अधिनियम को महामारी की समाप्ति के तुरंत बाद लागू किया जाएगा।
जदयू ने संसद में किया था विधेयक का समर्थन
तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उनकी पार्टी ने संसद में विधेयक का समर्थन किया है और इसलिए इस विषय पर उनके बयान मायने नहीं रखते। तेजस्वी ने कहा कि “सीएए-एनआरसी पर हमारा रुख स्पष्ट है। हम हमेशा संसद में इसका विरोध करते रहे हैं और मुझे नहीं लगता कि इसे बिहार में जल्द ही लागू किया जाएगा। जेडीयू ने संसद में विधेयक का समर्थन किया था। लोगों इसके विरोध में सड़कों पर उतरे थे। विधेयक के खिलाफ और हर पार्टी ने मामले पर अपना रुख सामने रखा था। अगर जेडीयू ने सीएए के पक्ष में मतदान किया, तो बयानों से कोई फर्क नहीं पड़ता।”