विजय कुमार सिन्हा ने बिहार विधानसभा के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद बुधवार को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया। इस्तीफे का ऐलान करने से पहले विजय कुमार सिन्हा ने अविश्वास प्रस्ताव में लगाए गए आरोपों का भी जवाब दिया।
सदन में अपने संबोधन में विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि नई सरकार के गठन के बाद मैं खुद ही अपने पद से इस्तीफा दे देता, लेकिन मुझे पद से हटाने की कोशिश शुरू कर दी गई। मुझ पर सदस्यों ने मनमानी करने, तानाशाही करने का आरोप लगाया।
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उन्होंने कहा कि जब नई सरकार का गठन हो रहा था तभी 9 अगस्त को ही विधानसभा सचिव को मेरे खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की सूचना दे दी गई थी। उसके बाद मैंने अपने पद से इस्तीफा नहीं दिया ताकि सदन में इसका जवाब दे सकूं। सिन्हा ने कहा कि छोटे कार्यकाल में कई काम और कार्यक्रम किए। उन्होंने कहा कि अपने कार्यकाल में प्रयास किया कि सत्ता और विपक्ष को साथ लेकर चलूं। निष्पक्षता से सदन का दायित्व निभाया।
उन्होंने कहा कि हमेशा विधानसभा के सभी सदस्यों की मान मर्यादा, सदन की गरिमा बढ़ाने की कोशिश की। सिन्हा ने कहा कि लोकतंत्र में संख्या बल महत्वपूर्ण है। अब नए राजनीतिक घटनाक्रम के तहत नया गठबंधन हुआ। उन्होंने इस्तीफा देते हुए कहा कि आगे सदन का संचालन नरेंद्र नारायण यादव करेंगे।