हटिया : हटिया विधानसभा क्षेत्र में सीपीआई उम्मीदवार का. सुभाष मुंडा ने कहा कि मैं चुनाव लडऩा नहीं चाहता था लेकिन चुनाव इसलिए लड़ रहा हॅू ताकि आदिवासी दलितों को आरक्षण का लाभ मिल सके। बिहार से झारखंड अलग हुए 19 साल के बाद भी सबसे ज्यादा मुख्यमंत्री आदिवासी से हुए।
वे फिल्टर वाटर से नहाते हैं और ग्रामीण क्षेत्र में लोगों को शुद्ध पानी भी मिलना मुश्किल होता है। जब से केन्द्र में नरेन्द्र मोदी कीसरकार बनी है तभी से कारखाना की राजधानी जमशेदपुर जहां सबसे बड़ा टेल्को कंपनी महीने में दस दिन बंद ही रहता है। रोजी-रोजगार नहीं मिल रहा है।
हमारा चुनावी एजेंडा हटिया विधानसभा क्षेत्र में दलित आदिवासी एवं अल्पसंख्यक को रोजगार एवं शिक्षा मिले। पूरे देश में जाकर दलित आदिवासी के नेता बिरसा मुंडा एवं भीमराव अम्बेडकर के सपनों को साकार करेंगे। उन्होंने कहा कि सरकार बनाना अलग बात है लेकिन ग्रामीण क्षेत्र के दलित आदिवासी दो जून रोटी के ललायित हैं।