केंद्राय मंत्री और पूर्व टीवी एक्ट्रेस रह चुकी स्मृति ईरानी हाल ही में सुशांत सिंह राजपूत को लेकर बात करती हुई नज़र आई लेकिन आपके मन में भी एक सवाल ज़रूर उठ रहा होगा की आखिर दिवगंत एक्टर की मौत के इतने सालो बाद ही क्यों? तो चलिए आज हम आपको बताते हैं की आखिर ऐसा क्या हुआ जो स्मृति ने सुशांत को किया याद।
एक्टर के बारे में बात करने के दौरान स्मृति, सुशांत को याद कर फूट-फूटकर रोती नजर आईं। स्मृति ने एक नए इंटरव्यू में सुशांत के बारे में बात करते हुए बताया कि उनकी मौत की खबर के बाद से वह खुद से लगातार एक ही सवाल कर रही थीं,’उसने मुझे फोन क्यों नहीं किया?’इस दौरान उनके आंसू भी छलक पड़े। साथ ही स्मृति ने ये भी बताया कि सुशांत के बारे में खबर होने के बाद उन्होंने सीधा अमित साध से संपर्क किया था। इस दौरान उन्हें अमित का खयाल आया और बस यही सोचकर उन्होंने अमित को फोन किया कि कहीं वो कोई ‘बेवकूफी’ न कर बैठें।
नीलेश मिश्रा को दिए एक इंटरव्यू में सुशांत को याद करते हुए स्मृति कहती हैं कि – ‘जिस दिन सुशांत की मौत हुई मैं वीडियो कॉन्फ्रेंस पर थी. उस वक्त दिमाग में कुछ और चल रहा था तो मैंने कहा कि बंद करो ये सब. उस वक्त मैं खुद से पूछ रही थी कि उसने मुझे फोन क्यों नहीं किया? एक बार उसे मुझे फोन करना चाहिए था. उसे मैंने कहा भी था कि तुम खुद को खत्म मत कर लेना.’
कैसे सुशांत की इतनी खास थी स्मृति
दिवगंत एक्टर सुशांत और स्मृति के शो के सेट्स आसपास ही थे। सूचना और प्रसारण मंत्रालय संभालने के दौरान स्मृति ने सुशांत को IFFI पर मास्टर क्लास के लिए भी आमंत्रित किया था। साथ ही स्मृति अमित साध को भी जानती थीं। उन्होंने बताया कि सुशांत की मौत की खबर के बाद जब उन्होंने अमित को फोन मिलाया तो वह काफी दुखी थे।
अमित ने तब उनसे कहा था कि ‘मैं यहां नहीं रहना चाहता. ये उसने क्या कर लिया.’ स्मृति ने जब सुशांत की लाइफ और परेशानी को लेकर उनसे सवाल किया था तो अमित ने स्मृति से उल्टा सवाल किया था- क्या आपको कोई दूसरा काम नहीं है? इस पर स्मृति ने जवाब में कहा था- ‘है, पर अभी चलो फिर भी बात करते हैं.’उसके बाद अमित और स्मृति ईरानी ने करीब 6 घंटे फोन पर बात की थी।
कैसे हुई थी सुशांत की मौत
बता दे कि फिल्म अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत ने 14 जून 2020 को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी, लेकिन एक्टर की मौत के बाद अक्सर कहा जाता रहा कि ये सुसाइड नहीं बल्कि एक मर्डर है लेकिन काफी जाँच-पड़ताल के बाद भी इस केस में हत्या जैसा कोई सुराख़ हाथ नहीं लग पाया था कई सालो तक इस केस को ओपन रख इसकी अंदर तक जांच की गई लेकिन कुछ हाथ ना लग पाने के चलते इसे महज़ एक सुसाइड केस घोषित कर दिया गया था।